यह ख़बर 29 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नई टीम ने सम्भाला कार्यभार, रेड्डी को हटाने पर उठे सवाल

खास बातें

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल में रविवार को हुए व्यापक फेरबदल के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नई टीम ने सोमवार को कार्यभार सम्भाल लिया। हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए गए एस जयपाल रेड्डी को लेकर शुरू हुआ विवाद शाम में उनके नए मंत्रालय में कार्यभार सम्भालने क
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल में रविवार को हुए व्यापक फेरबदल के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नई टीम ने सोमवार को कार्यभार सम्भाल लिया। हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए गए एस जयपाल रेड्डी को लेकर शुरू हुआ विवाद शाम में उनके नए मंत्रालय में कार्यभार सम्भालने के बाद भी खत्म नहीं हुआ।

मंत्रिमंडल में 17 नए चेहरे शामिल हुए हैं तो कई पुराने मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया गया है।

सलमान खुर्शीद ने विदेश मंत्री, पवन कुमार बंसल ने रेल मंत्री, एम. वीरप्पा मोइली ने पेट्रोलियम मंत्री और एमएम पल्लम राजू ने मानव संसाधन विकास मंत्री का कार्यभार सम्भाला।

मोइली ने जब नया कार्यभार सम्भाला, उस वक्त रेड्डी मौजूद नहीं थे। उन्हें पूर्व पेट्रोलियम राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने कार्यभार सौंपा। उनकी अनुपस्थिति ने नए विवाद को जन्म दिया कि पेट्रोलियम मंत्री के पद से हटाए जाने पर वह नाराज हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल ने भी रेड्डी के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय में तबादले पर सवाल उठाया।

केजरीवाल ने कहा, "जयपाल रेड्डी को ईमानदार व्यक्ति माना जाता है, फिर भी उन्हें हटा दिया गया। सलमान खुर्शीद जो भ्रष्टाचार के आरोपों में बेनकाब हो चुके हैं, उन्हें सरकार ने प्रोन्नत किया है।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने भी रेड्डी का विभाग बदले जाने पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री स्पष्ट करें कि जयपाल रेड्डी को महत्वपूर्ण विभाग से हटाकर मामूली महत्वहीन विभाग क्यों दिया गया, क्या उन पर औद्योगिक घरानों का दबाव था?"

रेड्डी ने हालांकि शाम को अपना कार्यभार संभाला। साथ ही उन्होंने नाराजगी संबंधी खबरों को खारिज कर दिया।

कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में रेड्डी ने कहा, "मंत्रालय में बदलाव से पहले प्रधानमंत्री ने मुझे विश्वास में लिया था और यह मेरे लिए बहुत है। मैं अपने जीवन में कभी भी मंत्रालय के पीछे नहीं भागा।"

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्रालय से बदलने का कारण बताया, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "किसी भी मंत्री को हटाए जाने का कारण नहीं बताया जाता है। मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री को इसका कारण बताना भी नहीं चाहिए।"

रेड्डी से जब यह पूछा गया कि उन्होंने मोइली को कार्यभार खुद क्यों नहीं सौंपा तो इसका जवाब उन्होंने कुछ इस प्रकार दिया, "मैंने सचिव को कह दिया था कि मैं पांच बजे तक ऑफिस आ पाउंगा क्योंकि मैं नए मंत्रालय के कामकाज को समझना चाहता था। मैं समाज विज्ञान का छात्र रहा हूं न कि प्राकृतिक विज्ञान का। इसलिए मुझे समय की जरूरत थी। वैसे भी मैं अधिकारी नहीं हूं कि किसी को कार्यभार सौंपूं।"

इससे पहले कार्यभार ग्रहण करने के बाद मोइली ने कहा कि वह तेल क्षेत्र के सामने आ रही चुनौतियों को अवसरों में तब्दील करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, "दुनियाभर में तेल की औसत खपत 14 बैरल प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है जबकि विकासशील देशों में यह तीन बैरल प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है। भारत में भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यहां 1.2 बैरल प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष खपत है। यह चिंता का विषय है।"

उधर, रेल मंत्री का कार्यभार सम्भलते ही पवन कुमार बंसल ने कहा कि सरकार ने यात्री किराया बढ़ाने का विकल्प खुला रखा है लेकिन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ऐसा किया जा सकता है न कि लाभ कमाने के लिए।

बंसल ने मंत्रालय का कार्यभार सम्भालने के कुछ ही देर बाद आईएएनएस से कहा, "यदि सेवाएं बेहतर करने के लिए यात्री किराए पर पुनर्विचार की आवश्यकता हुई तो हम ऐसा करेंगे. इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है।" उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को रेलवे बोर्ड के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चर्चा के नतीजों से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा, "हम बाधारहित वित्तीय सिद्धांतों के साथ रेलवे को चलाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "कई बार लोगों ने मुझसे कहा है कि यदि सरकार सेवाएं बेहतर बनाने के लिए सरकारी किराए में बढ़ोतरी करती है तो उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं होगी।" बंसल ने कहा कि वह रेलवे मंत्रालय को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं।

राज्य मंत्रियों में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला है। जिम्मेदारी संभालते ही तिवारी ने कहा कि उनका मीडिया पर किसी सरकारी नियंत्रण का कोई इरादा नहीं है।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिजली राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार सम्भाला है। मध्य प्रदेश से सांसद सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा, "यह चुनौतीपूर्ण है और मैं इसमें मंत्रालय के अधिकारियों व अन्य विभागों के साथियों का समर्थन व मार्गदर्शन चाहता हूं।" उन्होंने बिजली क्षेत्र को देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण व रणनीतिक बताया। उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण मंत्रालय है और यह बहुत बड़ी चुनौती, बहुत बड़ा कार्यभार है।"