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This Article is From Nov 29, 2018

अब नए आंकड़े, एनडीए के पहले चार साल में विकास की रफ्तार यूपीए के दौर से ज़्यादा रहने का दावा

केंद्र सरकार ने लिया यू टर्न, अगस्त में जारी किए गए आंकड़ों को खारिज कर दिया और नए आंकड़े जारी किए

अब नए आंकड़े, एनडीए के पहले चार साल में विकास की रफ्तार यूपीए के दौर से ज़्यादा रहने का दावा
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार (फाइल फोटो).
नई दिल्ली: नोटबंदी के असर को लेकर कृषि मंत्रालय के यू टर्न के बाद भारत सरकार का एक और यू टर्न दिख रहा है. सरकार ने अगस्त में जारी आंकड़ों को ख़ारिज कर दिया और नए आंकड़े देकर बताया कि 2014 से 2018 के बीच एनडीए के पहले चार साल में विकास की रफ़्तार यूपीए के दौर से ज़्यादा रही है.

नीति आयोग और सांख्यिकी मंत्रालय के जारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो यूपीए के दौर में जीडीपी वह नहीं थी जो बताई गई थी. बुधवार को जारी नए आंकड़ों के मुताबिक 2005-06 के बीच जिस विकास दर को 8 फ़ीसदी से ऊपर माना जा रहा था, वह दरअसल 6.7 फ़ीसदी रही है.

जीडीपी विकास दर में बदलाव
2005-06  : 9.3% से घटाकर 7.9%
2006-07  : 9.3% से घटाकर 8.1%
2007-08  : 9.8% से घटाकर 7.7%
2008-09  : 3.9% से घटाकर 3.1%
2009-10  : 8.5% से घटाकर 7.9%
2010-11  : 10.3% से घटाकर 8.5%

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, हमने नई मेथोडोलोजी का इस्तेमाल किया है जो पुरानी मेथोडोलोजी से बेहतर है.

यह भी पढ़ें : नोटबंदी नहीं अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह थी रघुराम राजन की गलत नीतियां : नीति आयोग के उपाध्यक्ष

लेकिन सवाल है, महज 4 महीनों में ये अंतर कैसे आ गया? नए आंकड़े बताते हैं कि अगर यूपीए के दस सालों में विकास दर 6.7 फ़ीसदी सालाना रही तो मोदी सरकार के 4 साल में औसतन 7.3% रही. नीति आयोग का कहना है, कमेटी के पिछले आंकड़ों पर भरोसा न करें. राजीव कुमार ने कहा - इन आंकड़ों के National Statistical Commission की कमेटी के आंकड़ों के हिसाब से मत देखिए.

VIDEO : किसका साथ, किसका विकास

पिछली बार जब 2011-12 बेस इयर के आधार पर नेशनल स्टेटिस्टिकल कमिशन ने अगस्त में आंकड़े जारी किए थे तब कांग्रेस ने दावा किया था कि यूपीए के शासन काल में औसत आर्थिक विकास दर एनडीए से बेहतर रही. अब नीति आयोग और सांख्यिकी मंत्रालय ने जिस तरह से आंकड़ों को बदल दिया है उससे इस मसले पर राजनीति फिर तेज़ होना तय है.

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