रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेश में निर्मित उत्पादों को ही प्राथमिकता देगा।
सूत्रों के मुताबिक रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस आशय से जुड़े प्रस्ताव को पास कर दिया है। आगे से भारतीय रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित रक्षा उत्पादों की खरीद पर जोर रहेगा।
इसके लिए भी यह नियम तय किया गया है कि भारत में निर्मित उत्पादों में कम से कम 40 फीसदी भारत में ही बनाए गए उपकरणों का प्रयोग किया गया हो और यदि डिजाइन भारतीय न हो तो 60 प्रतिशत उपकरण भारतीय ही होने चाहिए।
भारत में रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र से उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन डिजाइन और उत्पाद के विकास का 90 प्रतिशत खर्चा वहन करेगा।
लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों को डिजाइन और उत्पादों के विकास के लिए 19 करोड़ रुपये दिए जाएंगे और 24 महीनों के भीतर इस संबंध में अनुबंध कर लिया जाएगा। एक अधिकृत समिति इस पूरी प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों का निराकरण करेगी।
सूत्रों के मुताबिक रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस आशय से जुड़े प्रस्ताव को पास कर दिया है। आगे से भारतीय रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित रक्षा उत्पादों की खरीद पर जोर रहेगा।
इसके लिए भी यह नियम तय किया गया है कि भारत में निर्मित उत्पादों में कम से कम 40 फीसदी भारत में ही बनाए गए उपकरणों का प्रयोग किया गया हो और यदि डिजाइन भारतीय न हो तो 60 प्रतिशत उपकरण भारतीय ही होने चाहिए।
भारत में रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र से उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन डिजाइन और उत्पाद के विकास का 90 प्रतिशत खर्चा वहन करेगा।
लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों को डिजाइन और उत्पादों के विकास के लिए 19 करोड़ रुपये दिए जाएंगे और 24 महीनों के भीतर इस संबंध में अनुबंध कर लिया जाएगा। एक अधिकृत समिति इस पूरी प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों का निराकरण करेगी।
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