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This Article is From Apr 21, 2017

किराये पर घर देने वालों की मदद के लिए जल्द मंज़ूर होगी नई नीति : वेंकैया नायडू

किराये पर घर देने वालों की मदद के लिए जल्द मंज़ूर होगी नई नीति : वेंकैया नायडू
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, राष्ट्रीय शहरी किराया आवास नीति का मसौदा तैयार
वेंकैया नायडू के मुताबिक, जल्द ही कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा
मंत्री को उम्मीद, राज्य सरकारें रीयल्टी कानून को जल्द ही लागू करेंगी
नई दिल्ली: केंद्रीय शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री एम वेंकैया नायडू ने विश्वास जताया है कि राज्य सरकारें रीयल एस्टेट नियमों को अधिसूचित करने की समय सीमा को देखते हुए इस दिशा में जल्द कदम उठाएंगी और रीयल्टी कानून को लागू करेंगी, जिसे लागू करने के लिए अब केवल 10 दिन का समय बचा है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में किराये पर दिए गए आवासों के बारे में एक नीति को जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा, जिसे प्रवासियों, छात्रों, कामकाजी एकल महिलाओं और अन्य लोगों की आवास की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है.

गौरतलब है कि रीयल एस्टेट (नियमन और विकास) विधेयक को राज्यसभा ने पिछले साल 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च को पारित कर दिया था. वेंकैया नायडू ने इस कानून को 'उपभोक्ताओं और उद्योगों के हित में दूरगामी फायदे' वाला बताते हुए कहा कि कानून की करीब 60 धाराओं को पिछले साल 1 मई से लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि शेष बची 32 धाराओं को भी अधिसूचित कर दिया गया है और ये भी अगले महीने की 1 तारीख से प्रभाव में आ जाएंगी.

केंद्रीय मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "हमने एक राष्ट्रीय शहरी किराया आवास नीति, 2017 तैयार की है... इसे मंज़ूरी के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा... विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और मसौदा तैयार हो गया है..."

यह नीति इस लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण है कि शहरी क्षेत्रों में 30 प्रतिशत आबादी किराये के मकानों में रहती है और एक तिहाई शहरीकरण में प्रवासियों की ही मुख्य भूमिका है. इसके विपरीत वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.10 करोड़ मकान खाली पड़े हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नीति सरकार के 'वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास' उपलब्ध कराने के सरकार के मिशन की अनुपूरक होगी.

(इनपुट भाषा से भी)

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