New No-Fly Rules: अब हवाई सफर में जरा संभलकर
नई दिल्ली:
एयर इंडिया के एक सीनियर अधिकारी से बदतमीज़ी के आरोप के घिरे शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड कई दिन तक एयरलाइंस की पाबंदी झेलते रहे. बाद में ये पाबंदी हटा ली गई. लेकिन, उन्हीं दिनों चली 'नो फ्लाई लिस्ट' की बात अब रंग ला रही है. जुलाई से विमानों पर मुसाफिरों की बदतमीजी उन्हें महंगी पड़ेगी.
शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड के मामले के बाद उड्डयन मंत्रालय नो फ्लाई लिस्ट के नए कायदों के साथ तैयार है. जुलाई से विमान में उड़ान भरते हुए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. उनकी बदतमीज़ी उनकी मुसीबत बन सकती है. मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के सचिव राजीव नयन चौबे बताया कि हमने इसमें तीन कैटगरी का जिक्र किया. लेवल वन में 3 महीने. लेवल टू में 6 महीने और लेवल 3 में 2 साल या उससे अधिक का बैन होगा.
नेशनल नो फ्लाई लिस्ट को लेकर सिविल एवियशन रिक्वायरमेंट 2014 की कमियों को संशोधन के जरिए दूर किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि-
-ऐसी किसी घटना के तुरंत बाद मुसाफिर पर पाबंदी लगेगी.
- 10 दिन के भीतर एयरलाइन की तीन सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही उसका नाम नो फ्लाई लिस्ट में दर्ज होगा.
- मुसाफिर इसके ख़िलाफ़ मंत्रालय की अपील कमेटी में जा सकता है.
- जिस एयरलाइन की घटना होगी बैन सिर्फ उसी एयरलाइन में प्रभावी होगा.
-हालांकि दूसरी एयरलाइंस भी चाहें तो उसे बैन कर सकती है.
- नो फ्लाई लिस्ट सिर्फ घरेलू उड़ान पर लागू होगा.
- सिक्योरिटी एजेंसी किसी को खतरा मानती हैं तो उसका नाम भी नो फ्लाई लिस्ट में शामिल होगा और उसके पास अपील का अधिकार नहीं होगा.
वहीं मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के राज्यमंत्री ने साफ किया कि घटना के तुरंत बाद वो मुसाफिर बैन होगा पर 10 दिन में रिपोर्ट आने पर ही उसको नो फ्लाई लिस्ट में डाला जाएगा.
शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड के मामले के बाद उड्डयन मंत्रालय नो फ्लाई लिस्ट के नए कायदों के साथ तैयार है. जुलाई से विमान में उड़ान भरते हुए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. उनकी बदतमीज़ी उनकी मुसीबत बन सकती है. मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के सचिव राजीव नयन चौबे बताया कि हमने इसमें तीन कैटगरी का जिक्र किया. लेवल वन में 3 महीने. लेवल टू में 6 महीने और लेवल 3 में 2 साल या उससे अधिक का बैन होगा.
नेशनल नो फ्लाई लिस्ट को लेकर सिविल एवियशन रिक्वायरमेंट 2014 की कमियों को संशोधन के जरिए दूर किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि-
-ऐसी किसी घटना के तुरंत बाद मुसाफिर पर पाबंदी लगेगी.
- 10 दिन के भीतर एयरलाइन की तीन सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही उसका नाम नो फ्लाई लिस्ट में दर्ज होगा.
- मुसाफिर इसके ख़िलाफ़ मंत्रालय की अपील कमेटी में जा सकता है.
- जिस एयरलाइन की घटना होगी बैन सिर्फ उसी एयरलाइन में प्रभावी होगा.
-हालांकि दूसरी एयरलाइंस भी चाहें तो उसे बैन कर सकती है.
- नो फ्लाई लिस्ट सिर्फ घरेलू उड़ान पर लागू होगा.
- सिक्योरिटी एजेंसी किसी को खतरा मानती हैं तो उसका नाम भी नो फ्लाई लिस्ट में शामिल होगा और उसके पास अपील का अधिकार नहीं होगा.
वहीं मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के राज्यमंत्री ने साफ किया कि घटना के तुरंत बाद वो मुसाफिर बैन होगा पर 10 दिन में रिपोर्ट आने पर ही उसको नो फ्लाई लिस्ट में डाला जाएगा.
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