प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
कश्मीर के कुलगाम जिले में लश्कर-ए-तैयबा के नए ऑपरेशनल कमांडर माजिद जरगर ने सुरक्षा बलों को चेताया है कि आतंकी आने वाले दिनों में उन पर और फिदायीन हमले कर सकते हैं। ऐसी सूचना खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को पंपोर में सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद दी हैं।
शनिवार को लश्कर के दो फिदायीन आतंकियों ने सीआरपीएफ के कापिफले बस पर हमला किया था, जिसमें आठ जवान शहीद और 22 घायल हो गए थे, लेकिन क्या ये हमला किसी चूक का नतीजा था? अब जो जानकारी मिल रही हैं उसके मुताबिक जिस कार से आतंकी पंपोर आए वो दो आतंकी हमला करने से पहले लगभग छह घंटे श्रीनगर शहर में घूमते रहे, लेकिन किसी ने रोका-टोकी नहीं की। वैसे, उस दिन पुलिस हाई अलर्ट पर थी, क्योंकि ऐसी खबर मिली थी कि आतंकी हमला कर सकते हैं।
जिस ऑल्टो में आतंकी सवार थे उसने कई नाके पार किए, लेकिन हमले के बाद वो कार मौका-ए-वारदात से फरार होने में कामयाब रही। सारी एजेंसियां अलर्ट रहीं, लेकिन वह पता नहीं लगा पाई कि कार कहां गई। अब तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि वो कार कहां गई। उसमें जो आतंकियों के मददगार थे, वो कहां गायब हो गए?
अब स्थानीय पुलिस कह रही है कि हमलावरों की कार मुख्य सड़कों पर नहीं, भीतरी रास्तों से पंपोर पहुंची और जल्द ही कार की पहचान हो जाएगी। अब एजेंसियां एक-दूसरे पर कोताही का इल्जाम लगा रही हैं। खुद गृह मंत्रालय मान रहा है कि गड़बड़ी हुई। कहा ये जा रहा है कि लश्कर के कुछ फिदायीन को माजिद जरगर के पास भेजा गया है ताकि कश्मीर घाटी में मौका मिलने पर और हमलों को अंजाम दिया जा सके। खुफिया एजेंसियों ने यह भी आगाह किया है कि लश्कर की जिस यूनिट ने सीआरपीएफ पर हमले किया वो भी सैन्य ठिकानों पर फिदायीन हमले के फिराक में हैं।
शनिवार को लश्कर के दो फिदायीन आतंकियों ने सीआरपीएफ के कापिफले बस पर हमला किया था, जिसमें आठ जवान शहीद और 22 घायल हो गए थे, लेकिन क्या ये हमला किसी चूक का नतीजा था? अब जो जानकारी मिल रही हैं उसके मुताबिक जिस कार से आतंकी पंपोर आए वो दो आतंकी हमला करने से पहले लगभग छह घंटे श्रीनगर शहर में घूमते रहे, लेकिन किसी ने रोका-टोकी नहीं की। वैसे, उस दिन पुलिस हाई अलर्ट पर थी, क्योंकि ऐसी खबर मिली थी कि आतंकी हमला कर सकते हैं।
जिस ऑल्टो में आतंकी सवार थे उसने कई नाके पार किए, लेकिन हमले के बाद वो कार मौका-ए-वारदात से फरार होने में कामयाब रही। सारी एजेंसियां अलर्ट रहीं, लेकिन वह पता नहीं लगा पाई कि कार कहां गई। अब तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि वो कार कहां गई। उसमें जो आतंकियों के मददगार थे, वो कहां गायब हो गए?
अब स्थानीय पुलिस कह रही है कि हमलावरों की कार मुख्य सड़कों पर नहीं, भीतरी रास्तों से पंपोर पहुंची और जल्द ही कार की पहचान हो जाएगी। अब एजेंसियां एक-दूसरे पर कोताही का इल्जाम लगा रही हैं। खुद गृह मंत्रालय मान रहा है कि गड़बड़ी हुई। कहा ये जा रहा है कि लश्कर के कुछ फिदायीन को माजिद जरगर के पास भेजा गया है ताकि कश्मीर घाटी में मौका मिलने पर और हमलों को अंजाम दिया जा सके। खुफिया एजेंसियों ने यह भी आगाह किया है कि लश्कर की जिस यूनिट ने सीआरपीएफ पर हमले किया वो भी सैन्य ठिकानों पर फिदायीन हमले के फिराक में हैं।
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