अभिनेता गोविंदा (फाइल फोटो)
जयपुर:
रुपहले पर्दे के राजा बाबू यानी गोविंदा का असल जीवन में राजा बनने यानी राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है. फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद गोविन्दा ने फिर से राजनीति में आने से साफ इंकार करते हुए कहा कि वे बड़ी मुश्किल से राजनीतिक जीवन के दिनों को भूल पाए हैं.
नाहरगढ़ किले में जयपुर वैक्स म्यूजियम का लोकार्पण करने के बाद गोविन्दा ने कहा कि राजनीति के दिनों से बाहर आने में उन्हें 9-10 साल लग गए है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बड़ी मुश्किल से मैं उस समय को भूला पाया हूं. मेरा आपसे आग्रह है कि राजनीतिक प्रश्न नहीं करें.’
एक अन्य प्रश्न के जवाब उन्होंने में कहा कि वे हर कार्य गुरुजी की इजाजत लेकर करते हैं. गुरुजी ने उन्हें अपनी मोम की मूर्ति बनाने की इजाजत देने से मना कर दिया था इसलिए वे किसी को भी अपना मोम का पुतला बनाने की अनुमति नहीं देते.
अमिताभ बच्चन की आदमकद मोम के पुतले का अनावरण करते हुए गोवंदा ने कहा कि हर महान काम के पीछे कलाकार की कल्पना होती है. यह संग्रहालय भी उसका एक उदाहरण है.
जयपुर मोम संग्रहालय के निदेशक और निर्माता अनूप श्रीवास्तव ने दावा किया कि दुनिया के किसी भी पुरातत्व स्थल में स्थापित होने वाला यह मोम संग्रहालय पहला है. इसमें देश-दुनिया की 32 जानी जानी-मानी हस्तियों के मोम के पुतले स्थापित किए गए हैं. इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चंद बोस, मदर टेरेसा, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आज़ाद, कल्पना चावला, दलाई लामा, अभिनेता अमिताभ बच्चन, वीर महाराणा प्रताप और जयपुर पूर्व राजघराने के सदस्यों के पुतले शामिल हैं.
यहां बता दें कि गोविंदा वर्ष 2004 से 2009 तक कांग्रेस पार्टी के निशान पर मुंबई से संसद सदस्य थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नाहरगढ़ किले में जयपुर वैक्स म्यूजियम का लोकार्पण करने के बाद गोविन्दा ने कहा कि राजनीति के दिनों से बाहर आने में उन्हें 9-10 साल लग गए है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बड़ी मुश्किल से मैं उस समय को भूला पाया हूं. मेरा आपसे आग्रह है कि राजनीतिक प्रश्न नहीं करें.’
एक अन्य प्रश्न के जवाब उन्होंने में कहा कि वे हर कार्य गुरुजी की इजाजत लेकर करते हैं. गुरुजी ने उन्हें अपनी मोम की मूर्ति बनाने की इजाजत देने से मना कर दिया था इसलिए वे किसी को भी अपना मोम का पुतला बनाने की अनुमति नहीं देते.
अमिताभ बच्चन की आदमकद मोम के पुतले का अनावरण करते हुए गोवंदा ने कहा कि हर महान काम के पीछे कलाकार की कल्पना होती है. यह संग्रहालय भी उसका एक उदाहरण है.
जयपुर मोम संग्रहालय के निदेशक और निर्माता अनूप श्रीवास्तव ने दावा किया कि दुनिया के किसी भी पुरातत्व स्थल में स्थापित होने वाला यह मोम संग्रहालय पहला है. इसमें देश-दुनिया की 32 जानी जानी-मानी हस्तियों के मोम के पुतले स्थापित किए गए हैं. इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चंद बोस, मदर टेरेसा, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आज़ाद, कल्पना चावला, दलाई लामा, अभिनेता अमिताभ बच्चन, वीर महाराणा प्रताप और जयपुर पूर्व राजघराने के सदस्यों के पुतले शामिल हैं.
यहां बता दें कि गोविंदा वर्ष 2004 से 2009 तक कांग्रेस पार्टी के निशान पर मुंबई से संसद सदस्य थे.
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