यह ख़बर 20 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा सांप्रदायिक, मोदी को कभी सेक्युलर कहकर नहीं सराहा : अन्ना हजारे

खास बातें

  • अन्ना हजारे ने कहा, वह (नरेंद्र मोदी) ऐसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जिसे सिर्फ एक समुदाय से सहानुभूति है और जो बाकी समुदायों के खिलाफ है।
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी को सांप्रदायिक पार्टी करार देते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने कभी भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को धर्मनिरपेक्ष नहीं कहा।

अन्ना हजारे ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, वह (मोदी) ऐसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जिसे सिर्फ एक समुदाय से सहानुभूति है और जो बाकी समुदायों के खिलाफ है। यह भी हर किसी को पता है कि वह एक खास समुदाय के तो पूरी तरह खिलाफ है।

उन्होंने कहा, मोदी भाजपा के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपने बयानों से वह सांप्रदायिक नजर आते हैं। मैं किसी खास व्यक्ति के बारे में बात नहीं करना चाहता, क्योंकि वह उसकी राजनीतिक पार्टी का मामला है। हजारे ने कहा कि बेहतर प्रशासन देने वाले गैर-सांप्रदायिक व्यक्ति को ही चुनावों के बाद सत्ता में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक तबके ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश करते हुए कहा कि वह मोदी को सांप्रदायिक नहीं मानते।

अन्ना हजारे ने कहा, यह गलत है। पत्रकारों ने मुझसे पूछा कि मैं नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक मानता हूं कि नहीं। मैंने तुरंत कहा कि मेरे पास उनके खिलाफ कोई सबूत तो नहीं है, इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। पर कुछ अखबारों ने लिखा दिया कि अन्ना हजारे ने कहा कि मोदी सांप्रदायिक नहीं हैं... इसका मतलब यह नहीं है कि वह धर्मनिरपेक्ष हैं या गैर-धर्मनिरपेक्ष।

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अन्ना ने कहा कि जहां तक उनके बयान की बात है, यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन्होंने किसी को सांप्रदायिक नहीं होने का सर्टिफिकेट दिया है।