शूमायला जावेद को बेटी को जन्म देने पर पति ने तलाक दे दिया.
नई दिल्ली:
तीन तलाक पर चल रही बहस के बीच फिर एक मामला सामने आया है. इस बार उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक महिला का आरोप है कि उसके पति ने उसे इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने एक बेटी को जन्म दिया. यह कोई मामूली महिला नहीं है, राष्ट्रीय स्तर की नेटबाल की खिलाड़ी है.
नेटबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी शुमायला जावेद ने ढेर सारी ट्रॉफियां जीती हैं. लेकिन जिंदगी की सबसे ख़ूबसूरत ट्रॉफ़ी हासिल की तो ससुराल ने सज़ा दे डाली. उनको बेटी हुई तो शौहर ने तलाक दे दिया.
शुमायला जावेद कहती हैं, "जब मैं आठ महीने की प्रिगनेंट थी तो ससुराल वालों ने कहा कि बेटा नहीं हुआ तो सोच लेना तेरा क्या हाल करेंगे.उन्होंने मेरा अल्ट्रासाउंड कराया...जब बेटी का पता चला तो घर से निकाल दिया. बच्ची के जन्म के बाद फिर मारा-पीटा और तीन तलाक कहकर छोड़ दिया."
फरवरी 2014 में शुमायला जावेद की शादी लखनऊ के मोहम्मद फ़ारूक़ से हुई. मई 2015 में बेटी हुई. यह पूरा दौर शुमायला के लिए बहुत बुरा गुज़रा. शूमायला जावेद कहती हैं कि उनके ससुराल वालों को सज़ा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, "तलाक देना इतना आसान नहीं होना चाहिए. सजा मिलेगी तो आगे लोग डरेंगे तलाक देने से."
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी मानते हैं कि इस तरह से तीन तलाक जायज़ नहीं है. नकवी ने एनडीटीवी से कहा, "इस तरह के ट्रिपल तलाक के दुरुपयोग की घटनाओं को हम किसी भी तरह से जस्टीफाई नहीं कर सकते हैं. यह गैर-कानूनी है."
शुमायला के मामले में केस चल रहा है. लेकिन शुमायला की शिकायत सिस्टम से भी है. उनको लग रहा है कि उनका मामला कमजोर किया जा चुका है और इंसाफ में काफी देरी हो रही है.
नेटबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी शुमायला जावेद ने ढेर सारी ट्रॉफियां जीती हैं. लेकिन जिंदगी की सबसे ख़ूबसूरत ट्रॉफ़ी हासिल की तो ससुराल ने सज़ा दे डाली. उनको बेटी हुई तो शौहर ने तलाक दे दिया.
शुमायला जावेद कहती हैं, "जब मैं आठ महीने की प्रिगनेंट थी तो ससुराल वालों ने कहा कि बेटा नहीं हुआ तो सोच लेना तेरा क्या हाल करेंगे.उन्होंने मेरा अल्ट्रासाउंड कराया...जब बेटी का पता चला तो घर से निकाल दिया. बच्ची के जन्म के बाद फिर मारा-पीटा और तीन तलाक कहकर छोड़ दिया."
फरवरी 2014 में शुमायला जावेद की शादी लखनऊ के मोहम्मद फ़ारूक़ से हुई. मई 2015 में बेटी हुई. यह पूरा दौर शुमायला के लिए बहुत बुरा गुज़रा. शूमायला जावेद कहती हैं कि उनके ससुराल वालों को सज़ा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, "तलाक देना इतना आसान नहीं होना चाहिए. सजा मिलेगी तो आगे लोग डरेंगे तलाक देने से."
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी मानते हैं कि इस तरह से तीन तलाक जायज़ नहीं है. नकवी ने एनडीटीवी से कहा, "इस तरह के ट्रिपल तलाक के दुरुपयोग की घटनाओं को हम किसी भी तरह से जस्टीफाई नहीं कर सकते हैं. यह गैर-कानूनी है."
शुमायला के मामले में केस चल रहा है. लेकिन शुमायला की शिकायत सिस्टम से भी है. उनको लग रहा है कि उनका मामला कमजोर किया जा चुका है और इंसाफ में काफी देरी हो रही है.
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