
नई दिल्ली:
देश भर के प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस के लिए कॉमन परीक्षा यानी एनईईटी इसी साल होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार, एमसीआई और सीबीएसई को गुरुवार को शेडयूल लाने के लिए कहा है। केंद्र ने भी भरोसा दिलाया है कि 2016-2017 सत्र के लिए ये टेस्ट इसी साल होगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल को एक बार फिर सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए कॉमन टेस्ट यानी एनईईटी को हरी झंडी दिखा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के 2013 के फैसले को वापस ले लिया गया। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ के इस फैसले से देश भर के करीब 600 कॉलेज प्रभावित होंगे।
बुधवार को हुई सुनवाई में तीन जजों की बेंच के सामने संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट ने याचिका में आरोप लगाया कि केंद्र और एमसीआई जानबूझकर ये टेस्ट इस साल नहीं कर रहे हैं। देश में मेडिकल संबंधी करीब 90 टेस्ट होते हैं, जिनमें छात्रों के लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा प्राइवेट कॉलेजों में टेस्ट पारदर्शी नहीं होते और वहां लाखों रुपये कैपिटेशन फीस के नाम पर लिए जाते हैं।
11 अप्रैल को सुनाए गए अपने फैसले में पीठ ने कहा कि जुलाई 2013 में तीन जजों की बेंच का एनईईटी को रद्द करने का फैसला वापस लिया जाता है, क्योंकि बेंच ने यह फैसला बिना विचार-विमर्श के किया था। इसके साथ ही संविधान पीठ इस टेस्ट को लेकर फिर से इस मामले पर सुनवाई करेगा। लेकिन कोर्ट ने प्राइवेट कॉलेजों को फिलहाल किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल को एक बार फिर सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए कॉमन टेस्ट यानी एनईईटी को हरी झंडी दिखा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के 2013 के फैसले को वापस ले लिया गया। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ के इस फैसले से देश भर के करीब 600 कॉलेज प्रभावित होंगे।
बुधवार को हुई सुनवाई में तीन जजों की बेंच के सामने संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट ने याचिका में आरोप लगाया कि केंद्र और एमसीआई जानबूझकर ये टेस्ट इस साल नहीं कर रहे हैं। देश में मेडिकल संबंधी करीब 90 टेस्ट होते हैं, जिनमें छात्रों के लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा प्राइवेट कॉलेजों में टेस्ट पारदर्शी नहीं होते और वहां लाखों रुपये कैपिटेशन फीस के नाम पर लिए जाते हैं।
11 अप्रैल को सुनाए गए अपने फैसले में पीठ ने कहा कि जुलाई 2013 में तीन जजों की बेंच का एनईईटी को रद्द करने का फैसला वापस लिया जाता है, क्योंकि बेंच ने यह फैसला बिना विचार-विमर्श के किया था। इसके साथ ही संविधान पीठ इस टेस्ट को लेकर फिर से इस मामले पर सुनवाई करेगा। लेकिन कोर्ट ने प्राइवेट कॉलेजों को फिलहाल किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया।
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