उरी में आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकियों को मार गिराया था (File)
नई दिल्ली:
भारत पर हमले की मंशा लिए करीब 100 आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार करने की फिराक में हैं. सूत्रों ने मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीएस) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की रिपोर्ट में बताया गया.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के सात लॉन्च पैड पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीसीएस की बुधवार को दूसरी बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, एनएसए ने सीसीएस की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सुरक्षा एजेंसियों से मिली सूचनाओं से अवगत कराया.
इस बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि गृह, विदेश और रक्षा मंत्रियों के इस समूह को बताया गया कि भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी थल सेना नियंत्रण रेखा के पास बने आतंकियों के ठिकानों की सुरक्षा में जुट गई है. उन्होंने बताया कि ऐसे दर्जन भर लॉन्च पैड्स का लोकेशन पता चला है.
पिछले हफ्ते सेना ने बताया था कि एलओसी के पार भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में कई आतंकी मारे गए हैं. सेना की इस कार्रवाई को पिछले महीने उरी में हुए आतंकी हमले के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें 19 सैनिक शहीद हो गए थे. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि ऐसा कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुआ ही नहीं. इस पर विपक्षी कांग्रेस के नेता संजय निरुपम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस हमले के सबूत साझा करने की मांग कर रहे हैं. वहीं सैन्य सूत्रों ने बताया कि ड्रोन के जरिये फिल्माये गए हमले के वीडियो पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी को सौंप दिए गए हैं.
सुरक्षा एजेंसियों और सेना को इस बात की चिंता है कि ठंड आने पर यह इलाका बर्फ से ढक जाएगा और ऐसे में पाकिस्तान सुरक्षा बलों पर हमले और कश्मीर में फिर से हिंसा भड़काने के मकसद से बड़ी संख्या में आतंकियों को भारत भेजने की कोशिश करेगा. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के सात लॉन्च पैड पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीसीएस की बुधवार को दूसरी बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, एनएसए ने सीसीएस की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सुरक्षा एजेंसियों से मिली सूचनाओं से अवगत कराया.
इस बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि गृह, विदेश और रक्षा मंत्रियों के इस समूह को बताया गया कि भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी थल सेना नियंत्रण रेखा के पास बने आतंकियों के ठिकानों की सुरक्षा में जुट गई है. उन्होंने बताया कि ऐसे दर्जन भर लॉन्च पैड्स का लोकेशन पता चला है.
पिछले हफ्ते सेना ने बताया था कि एलओसी के पार भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में कई आतंकी मारे गए हैं. सेना की इस कार्रवाई को पिछले महीने उरी में हुए आतंकी हमले के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें 19 सैनिक शहीद हो गए थे. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि ऐसा कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुआ ही नहीं. इस पर विपक्षी कांग्रेस के नेता संजय निरुपम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस हमले के सबूत साझा करने की मांग कर रहे हैं. वहीं सैन्य सूत्रों ने बताया कि ड्रोन के जरिये फिल्माये गए हमले के वीडियो पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी को सौंप दिए गए हैं.
सुरक्षा एजेंसियों और सेना को इस बात की चिंता है कि ठंड आने पर यह इलाका बर्फ से ढक जाएगा और ऐसे में पाकिस्तान सुरक्षा बलों पर हमले और कश्मीर में फिर से हिंसा भड़काने के मकसद से बड़ी संख्या में आतंकियों को भारत भेजने की कोशिश करेगा. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
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