एनडीटीवी की रचनात्मक पत्रकारिता को फिर दो-दो सम्मान

सुशील बहुगुणा की डॉक्युमेंटरी को पर्यावरण की श्रेणी में सम्मान मिला, सुशील महापात्रा आम जन की समस्याओं की रिपोर्ट पर सम्मानित हुए

एनडीटीवी की रचनात्मक पत्रकारिता को फिर दो-दो सम्मान

एनडीटीवी के पत्रकार सुशील बहुगुणा और सुशील महापात्रा को रेड इंक अवार्ड से नवाजा गया है.

नई दिल्ली:

एनडीटीवी की रचनात्मक पत्रकारिता को फिर से मान्यता मिली है. एनडीटीवी इंडिया की टीम के दो सदस्यों को आज एक ही साथ पत्रकारिता के प्रतिष्ठित रेड इंक सम्मान से नवाज़ा गया है.

अपने पर्यावरण प्रेम के लिए पहले से सुख्यात और एकाधिक बार पुरस्कृत सुशील बहुगुणा को इस बार यह सम्मान भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे पंचेश्वर बांध के खतरों की रिपोर्ट करने के लिए मिला है. उत्तराखंड में बन रहा यह बांध इस पहाड़ी राज्य के लिए कैसे पर्यावरणी जोखिम पैदा कर सकता है- इस पर सुशील बहुगुणा की डॉक्युमेंटरी को यह सम्मान पर्यावरण की श्रेणी में मिला है.

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एनडीटीवी प्राइम टाइम के एक और सहयोगी सुशील महापात्रा आम जन की समस्याओं की रिपोर्ट करने के लिए जाने जाते हैं. जीएसटी के बाद इसके असर की बहुत सारी चर्चा हुई, लेकिन कबाड़ के उपेक्षित से धंधे पर इसका क्या असर पड़ा है- इसकी पड़ताल सुशील महापात्रा ने की. उनको कारोबार की श्रेणी में यह सम्मान मिला है.

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इन सम्मानों ने यह भरोसा नए सिरे से मज़बूत किया है कि शोर-शराबे और सनसनी की पत्रकारिता के बीच सरोकार की आवाज अब भी सुनी और सराही जाती है.


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