यह ख़बर 23 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'खून नमूना देने को नहीं किया जा सकता बाध्य'

खास बातें

  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता तिवारी को डीएनए जांच के लिहाज से खून का नमूना देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
New Delhi:

पितृत्व विवाद में फंसे कांग्रेस नेता एनडी तिवारी को अदालत ने राहत दी है।  दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता तिवारी को डीएनए जांच के लिहाज से खून का नमूना देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।   तिवारी ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपने हलफनामे में तिवारी ने अपने रुख को सही ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया था। रोहित शेखर नाम के 31 साल के एक शख्स ने एनडी तिवारी का बेटा होने दावा किया है लेकिन तिवारी लगातार इससे इनकार करते रहे हैं और कोर्ट के आदेश के बाद भी डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने से इनकार कर रहे हैं।


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