महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए बयानों को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांग ली है. समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में नवाब मलिक पर मानहानि का मुकदमा किया है. जिसमें अदालत ने वानखेड़े परिवार के खिलाफ नवाब मलिक के बोलने पर रोक लगाई है.
बावजूद, नवाब मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया था, जिसे लेकर अदालत ने पिछली तारीख को फटकार लगाई थी और हलफनामा दायर करने को कहा था. जिस पर शुक्रवार को हलफनामा दायर कर नवाब मलिक ने बिना शर्त हाईकोर्ट में माफी मांगी. साथ ही नवाब मलिक ने आगे फिर वानखेड़े प्रकरण में कोई बयान नहीं देने का वादा किया है. लेकिन ये भी उम्मीद जताई है कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग पर टिप्पणी करने से नहीं रोका जाएगा.
उल्लेखनीय है कि नवाब मलिक-समीर वानखेड़े विवाद में समीर की पत्नी ने बोरीवली में एक दीवानी अदालत में मुकदमा दायर कर अनुरोध किया है कि ‘गूगल इंडिया', ‘फेसबुक इंडिया' ऑनलाइन सेवाओं और ‘ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया' को उनके खिलाफ अपने मंचों पर कोई भी ‘‘आपत्तिजनक'' पोस्ट की अनुमति देने से स्थायी रूप से रोका जाए. मुकदमे में दावा किया गया है कि एनसीबी अधिकारी ने जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनके इशारे पर विभिन्न ‘‘अनैतिक तत्व'' सोशल मीडिया मंचों के जरिए ‘‘प्रायोजित गलत सूचना'' फैला रहे हैं.
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