वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नवीन पटनायक को शुभकामनाएं दीं और राज्य के विकास कार्य में केंद्र के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया. मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘नवीन पटनायक जी को ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई । लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये उन्हें और उनकी टीम को शुभकामनाएं. मैं ओडिशा के विकास कार्य में केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता हूं.'
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मुख्यमंत्री पटनायक के नये मंत्रिमंडल में परमानंद नायक, टुकुनी साहू, समीर दास, नवकिशोर दास, पद्मिनी दियान, रघुनंनदन दास, दिव्यशंकर मिश्र, जगन्नाथ सड़ाका, ज्योतिप्रकाश पाणिग्रही और तुसारकांती बेहरा के रूप में दस नए चेहरे हैं. वहीं रणेंद्र प्रताप स्वैन, विक्रम केशरी अरुखा, प्रफुल्ल मलिक, निरंजन पुजारी, पद्मनाभ बेहरा, प्रताप जेना, अरूण कुमार साहू, सुदाम मरांडी, सुशांत सिंह, नविकिशोर दास और टुकनी साहू को कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया है. इसके अलावा अशोक चंद्र पांडा, समीर रंजन दास, ज्योति प्रकाश पाणिग्रही, दिव्यशंकर मिश्र, प्रेमानन्द नायक, रघुनंदन दास, पद्मिनी दियान, तुसारकांती बेहरा और जगन्नाथ सड़क राज्य मंत्री होंगे. सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री एस एन पात्रो को ओडिशा विधानसभा का नया अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की संभावना है. वहीं प्रमिला मलिक को सरकारी की मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा सकता है.
72 साल के पटनायक सबसे पहले मार्च 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. मई 2004 में वो फिर से मुख्यमंत्री चुने गए. मई 2009 वो वो तीसरी और मई 2014 को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से कहा, 'जब तक आप लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देंगे तब तक राजनीति में कोई मुश्किल नहीं होगी.' उन्होंने कहा, 'लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं कि बीजेडी की निरंतर सफलता का रहस्य क्या है और मैं हमेशा इन दो बिंदुओं को को ध्यान में रखता हूं कि लोगों को ध्यान में रखें और लोगों के लिए काम करें.' पटनायक ने कहा, 'हमेशा एक साधारण जीवन जीएं. जब आप सरल होते हैं तो लोग आपके करीब होते हैं.'
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एक बार फिर विधानसभा में बीजेडी को भले ही फिर बड़ी सफलता मिली हो, लेकिन 21 लोकसभा सीटों में से यह क्षेत्रीय दल केवल 12 सीटें ही जीत पाया. 2014 लोकसभा चुनाव में पटनायाक की पार्टी ने 20 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा के खाते में केवल एक ही सीट आई थी. इस बार भाजपा ने आठ लोकसभा सीटें और कांग्रेस ने एक सीट जीती. राज्य विधानसभा में भी भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है. भाजपा ने 23 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि भाजपा विधायक दल के नेता रहे केवी सिंह देव अपने निर्वाचन क्षेत्र पटनागड़ से चुनाव हार गए हैं. नेता प्रतिपक्ष के पद पर भाजपा के विधायक नया नेता चुनेंगे.
(इनपुटः भाषा)
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