
डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने नरेंद्र मोदी को 'कठिन परिश्रमी' और 'अच्छा दोस्त' बताया है। इस टिप्पणी को लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए संकेत भेजने के तौर पर देखा जा रहा है।
तमिल दैनिक 'दिनामलार' को दिए साक्षात्कार में करुणानिधि का यह बयान आया है। साक्षात्कार में 90 वर्षीय द्रमुक नेता ने भाजपा से संभावित गठबंधन के बारे में कुछ नहीं कहा।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में 'व्यक्तिगत विचार' के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'मोदी की व्यस्त चुनावी रैलियों से पता चलता है कि वह कठिन परिश्रमी हैं। वह मेरे अच्छे मित्र भी हैं।'
यह पूछने पर कि हाल में राज्य डीएमके के सम्मेलन में उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी 'सांप्रदायिक ताकतों' से गठबंधन नहीं करेगी, तो क्या इससे मतलब भाजपा से है। इस पर करुणानिधि ने पलटवार करते हुए पूछा, 'क्या आप दावे के साथ कह सकते हैं कि भाजपा सांप्रदायिक है।'
यह पूछने पर कि क्या चुनावों के बाद डीएमके के भाजपा नीत गठबंधन में शामिल होने की संभावना है, तो उन्होंने कहा, 'भविष्यवाणी नहीं कर सकते और कह नहीं सकते कि लोकसभा चुनावों के बाद क्या स्थिति बनती है।'
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