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This Article is From Sep 24, 2021

महंत नरेंद्र गिरि ने फांसी के लिए शिष्य से मंगवाई नायलॉन की रस्सी, सल्फास खाकर खुदकुशी की योजना भी बनाई थी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने फांसी लगाने से पहले सल्फास खा कर खुदकुशी की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में इरादा बदल दिया. ऐसा पुलिस के सूत्रों का कहना है.

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नरेंद्र गिरि ने सल्फास की गोलियां खाकर खुदकुशी की योजना भी बनाई थी...

नई दिल्ली:

महंत नरेंद्र गिरि की मौत (Narendra Giri death Case) अभी भी रहस्य बनी हुई है.खबरों के मुताबिक- अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने अपने एक शिष्य सर्वेश से कहा कि गीले कपड़े सुखाने के लिए नायलॉन की डोरी ले आओ. शिष्य उनके कपड़े सुखाने के लिए नायलॉन की डोरी लाया तो उन्होंने उससे फांसी लगा ली. सर्वेश का कहना है कि अगर उसे ज़रा भी अहसास होता कि वो उससे फांसी लगा लेंगे तो वह कभी डोरी नहीं लाता. महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को प्रयागराज के अपने बाघम्बरी मठ में फांसी से लटके मिले थे. दोपहर का खाना खाने के बाद वो आराम करते थे. शाम को अपने शयन कक्ष से बाहर आते थे. स रोज शाम 5 बजे उन्हें मंदिर भी जाना था. जब वह बाहर नहीं आए और खटखटाने पर दरवाजा नहीं खोला तो उनके शिष्य सर्वेश द्विवेदी और दूसरे शिष्यों ने दरवाजा तोड़ दिया. सर्वेश जब अंदर पहुंचे तो उसने देखा कि नरेंद्र गिरि ने कपड़े सुखाने के बहाने नायलॉन की जो रस्सी मंगाई थी, उसी को उन्होंने सीलिंग फैन के कुंडे में बांध कर फांसी लगा ली थी. शिष्यों का कहना है कि उन्हें लगा कि शायद वह ज़िंदा हों और फंदे से उतार लेने से बच जाएं, इसलिए उन्होंने नायलॉन की रस्सी काट डाली और उन्हें उतार लिया, लेकिन वह ज़िंदा नहीं थे.

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मठ का सामान जिस दुकान से आता है, आज मीडिया के लोग वहां भी फांसी की रस्सी के बारे में पता करने पहुंच गए. अल्लापुर में "मुन्ना हार्डवेयर" दूकान के मालिक मुन्ना ने बताया कि रस्सी तो रोज़ ही लोग खरीद कर ले जाते हैं. उन्हें ध्यान नहीं कि मठ के किसी शिष्य ने रस्सी खरीदी या नहीं. बुधवार को महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टेम 5 डॉक्टरों के एक पैनल ने किया था. प्रशासन ने पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है ,लेकिन सूत्रों का कहना है कि मौत की वजह रिपोर्ट में दम घुटना ही बताया गया है.

बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने फांसी लगाने से पहले सल्फास खा कर खुदकुशी की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में इरादा बदल दिया. ऐसा पुलिस के सूत्रों का कहना है. कहा जा रहा है कि उनके कमरे से सल्फास की गोलियां भी बरामद हुई हैं. सल्फ़ास एलुमिनियम फास्फाइड होता है जो दुनिया भर में अनाज को कीड़ों से बचने के लिए इस्तेमाल होता है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) ने सोमवार को प्रायगराज में अपने बाघम्बरी मठ में फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली थी. बुधवार को 5 डॉक्टर्स के एक ने उनका पोस्टमॉर्टेम किया था. प्रशासन ने आधिकारिक रूप से पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें दम घुटने से मौत की वजह सामने आयी है.

महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri News) के एक शिष्य ने बताया कि उनकी खुदकुशी के बाद जब लोग अंदर गए तो देखा कि सल्फास की कुछ गोलियां वहां मेज़ पर रखी थीं और कुछ प्लास्टिक के डिब्बे में रखी थीं. सल्फाज चूंकि अनाज को कीड़ों से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए यह आसानी से बाजार में मिल जाता है और ऑनलाइन भी उपलब्ध है. पुलिस के सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र गिरी का सारा निजी काम और उनकी ज़रूरत की चीज़ें बाजार से खरीदने का काम उनका शिष्य सर्वेश द्विवेदी करता था. बाघम्बरी मठ में बहुत लोगों का भोजन रोज़ बनता है।इसके लिए वहां बड़े पैमाने पर अनाज स्टोर किया जाता है।मुमकिन है कि नरेंद्र गिरी ने अनाज के लिए उसकी जरूरत बता कर सल्फ़ाज़ मंगाया हो.

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