विज्ञापन
This Article is From Sep 18, 2015

क्या दूर की सोचकर ममता ने नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करने का फैसला लिया...

क्या दूर की सोचकर ममता ने नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करने का फैसला लिया...
सुभाष चंद्र बोस (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े रहस्य की 64 फाइलें बंगाल सरकार ने सार्वजनिक कर दी हैं। नेताजी की जिंदगी का रहस्य जितना बड़ा है, उससे बड़ी है इससे जुड़ी राजनीति। नेताजी की जिंदगी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हम सच को क्यों न उजागर करें... सच की जीत होनी चाहिए और सच की जीत होगी। हम सच को नहीं दबा सकते... आज सच उजागर होने की शुरुआत हुई है और अब केंद्र सरकार को भी सच को उजागर करना चाहिए।'

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इससे पहले कहा था, 'लोगों को नेता जी के बारे में सच्चाई जानने का हक है और हम फाइलों को सार्वजनिक करने के पक्ष में हैं। लेकिन कुछ फाइलों का संबंध विदेश मंत्रालय से है और इस बारे में जनहित को ध्यान में रखा जा रहा है।'

इसे भी पढ़िए :  गांधी को लगता था कि बोस 'ज़िंदा' हैं

ममता ने केंद्र पर बनाया दबाव
नेताजी सुभाष चंद्र बोस बंगाल के लोगों की भावनाओं से जुड़े हैं और उनका दर्जा राज्य में किसी 'युगपुरुष' जैसा है। ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के पास मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का फैसला अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया है। अब वो केंद्र सरकार पर इस बात का दबाव बना रही है कि वह भी अपने पास मौजूद दस्तावेज सार्वजनिक करे।

ममता बनर्जी ने कहा, 'इतने साल हो गए इस इंसान के बारे में कोई नहीं जानता जिसने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। आप लोग पढ़िए और जानिए इनके बारे में। ये म्यूजियम एक नई शुरुआत है।'

क्या है इन फाइलों में
असल में बंगाल में बोस और नेहरू-गांधी के राजनीतिक टकराव को लेकर सियासी बहस होती रही है और जनभावना पर इसका असर पड़ा है। नेताजी के समर्थक कहते हैं कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अगस्त 1945 में किसी विमान हादसे में सुभाष चंद्र बोस की मौत हुई और अगर वो बच गए हों तो हो सकता है कि नेहरू-गांधी और बोस के विरोधियों ने उन्हें भारत आने से रोका हो।

इन फाइलों में क्या है ममता बनर्जी ने इस बात की एक झलक देने की कोशिश भी की है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी फाइलें नहीं देखी हैं, लेकिन इनमें इस बात का जिक्र है कि नेताजी के परिवार की जासूसी होती रही कि वह कहां-कहां घूमते थे। यह सवाल पहले भी बार-बार उठता रहा है कि कांग्रेस सरकार ने नेताजी के परिवार वालों की जासूसी करवाई है। (पढ़ें - नेताजी के परपोते ने पूछा, 'मेरे पिता दाऊद नहीं थे, फिर उनकी जासूसी क्यों हुई?')

बीजेपी के लिए मुश्किलें
साफ है कि ये राजनीति अब तक कांग्रेस को परेशान करती रही है लेकिन अब मुश्किलें बीजेपी का पीछा कर सकती हैं। नेताजी ने 1939 में कांग्रेस से अलग होकर फॉरवर्ड ब्लॉक का निर्माण किया था। इस पार्टी का आज भी बंगाल में जनाधार है। फॉरवर्ड ब्लॉक के महासचिव देवव्रत विश्वास का बयान बताता है कि बंगाल की राजनीति इस पर गरमा सकती है। विश्वास कहते हैं, 'नरेंद्र मोदी ने पिछले चुनावों में नेताजी की मौत से परदा उठाने के लिए दस्तावेज सार्वजनिक करने की बात कही थी, लेकिन अब वह क्यों नहीं कर रहे हैं?'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सुभाष चंद्र बोस, नेताजी का रहस्य, सुभाष चंद्र बोस की फाइलें, ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल सरकार, Subhash Chandra Bose, Netaji Mystery, Netaji Files, Mamata Banerjee, West Bengal Government
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com