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This Article is From May 05, 2016

सांसद भूपेंद्र यादव को संदेह, सुब्रह्मण्यम स्वामी के भाषण के दौरान दरवाजा टूटने में है कुछ राज..

सांसद भूपेंद्र यादव को संदेह, सुब्रह्मण्यम स्वामी के भाषण के दौरान दरवाजा टूटने में है कुछ राज..
बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को जिस वक्त अगस्ता वैस्टलैंड मामले पर गर्मागर्म बहस चल रही थी, उसी समय राज्यसभा के सभा कक्ष (चैंबर) का एक प्रवेश द्वार टूट गया। संसद के वॉच एंड वार्ड स्टाफ़ के कुछ कर्मचारियों ने काफी समय तक उसे सहारा देकर थामे रखने की कोशिश की। बाद में उस दरवाजे को हटाकर अलग कर दिया गया। ये दरवाजा विपक्ष की बेंचों की ओर प्रवेश के लिए दो टेलीफोन बूथों के बीच का है। उस समय भी राज्यसभा में चर्चा जारी थी।

बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने जांच की मांग की
अब बीजेपी के सांसद भूपेंद्र यादव ने सभापति हामिद अंसारी को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की है। उनकी मांग है कि घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज मंगाया जाए, ताकि तथ्य पता चल सके। उनकी ये भी मांग है कि संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाकर इस पूरे मामले की जांच हो।

उस समय सुब्रहमण्यम स्वामी दे रहे थे भाषण
दरअसल, जिस वक्त ये दरवाज़ा टूटा, उस समय बीजेपी के सुब्रहमण्यम स्वामी अगस्ता वैस्टलैंड मामले पर भाषण दे रहे थे। दरवाजे के टूटने के बाद विपक्ष के कई सांसद डिप्टी चेयरमैन का ध्यान उस ओर दिलाने की कोशिश कर रहे थे। सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने भी उस ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की मगर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उन्हें इशारे से चुप करा दिया। सत्ता पक्ष को लगता है कि दरवाजे का टूटना अनायास नहीं है, बल्कि ये स्वामी के भाषण को बीच में ही रोकने और अगस्ता वैस्टलैंड पर चर्चा को टालने की एक कवायद हो सकती है।

हालांकि चर्चा से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेताओं के बीच सहमति बन चुकी थी कि चर्चा शांतिपूर्ण माहौल में कराई जाएगी। इसके बावजूद चर्चा के दौरान कई बार दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। स्वामी का भाषण शुरू हुआ तब कांग्रेस के कई सांसद सेंट्रल हॉल में चाय-पानी कर रहे थे। मगर स्वामी को टीवी पर देखते ही वो आनन-फ़ानन में सदन की ओर लपके।

शून्यकाल में मामला उठाने की तैयारी
एक मंत्री का कहना था कि नियमों के मुताबिक अगर कार्यवाही के दौरान कोई भी अप्रिय घटना हो तो कार्यवाही को तब तक के लिए फौरन स्थगित कर दिया जाता है जब तक समस्या का हल न निकल आए। जैसे कि इससे पहले सदन में कार्यवाही के दौरान एक-दो बार तीखी गंध फैलने की शिकायत मिलने पर कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी थी। पड़ताल करने पर पता चला था कि एयरकंडीशन सिस्टम में कुछ खराबी आ गई थी। लेकिन इस बार सत्ता पक्ष को दरवाजे के टूटने के पीछे दाल में कुछ काला नजर आ रहा है इसीलिए न सिर्फ जांच के लिए पत्र लिखा गया बल्कि इसे शून्यकाल में उठाने की भी तैयारी है।

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