दिल्ली के कगनहेरी गांव में तीन महिलाओं की कटी चोटी.
दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में महिलाओं को बेहोश कर रहस्यमयी तरीके से चोटी काटने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसमें रहस्य इस बात का है कि अधिकांश पीडि़तों ने यही कहा है कि उनको बेहोश कर चोटी काट ली गई. किसी ने भी पुख्ता तौर पर अभी तक आरोपी को देखने की बात नहीं की है. इन सबके चलते पुलिस पशोपेश में है और अभी तक इन केसों की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही है जबकि इस तरह के तकरीबन 50 मामले सामने आ चुके हैं:
1. पुलिस के मुताबिक सबसे पहले राजस्थान के गांवों में चोटी काटने के मामले सामने सामने आए. इसके बाद हरियाणा के झज्जर, मेवात, रोहतक आदि जिले के गांवों में महिलाओं की चोटी काटने की घटनाएं हुईं. धीरे-धीरे चोटी काटने की घटनाएं गुरुग्राम और दिल्ली के गांवों में भी होने लगी हैं.
2. इन मामलों की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि घटनास्थलों पर कोई सुराग नहीं मिल रहे हैं. पीडि़तों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य बात नहीं दिखी. ज्यादातर पीडि़तों के साथ रहने वालों ने किसी कथित हमलावर को नहीं देखा. केवल पीडि़ता ने ही हमलावर की उपस्थिति को देखने या महसूस करने की बात कही है.
यह भी पढ़ें: राजस्थान, हरियाणा के बाद दिल्ली में कोई काट रहा चोटियां, दहशत में महिलाएं
3. लोग अपनी समझ के मुताबिक इस मसले पर कयास लगा रहे हैं. कोई कह रहा है कि इसके पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ है. कोई तांत्रिक या कथित ओझा को इन हमलों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है.
4. हालांकि इस तरह की घटनाओं में कोई प्रमाण नहीं मिलता तो कई तर्कवादी इसको मास हिस्टिरिया या जन भ्रम का नाम देते हैं. लिहाला पुलिस भी लोगों से अफवाहों से बचने को कह रही है.
VIDEO: चोटी काटने की घटनाएं
5. अभी तक इस तरह के करीब 50 मामले सामने आए हैं. ताजा घटनाक्रम में रविवार को दिल्ली के कगनहेरी गांव में विमलेश और मनोज की मां की चोटी काटी गई है. विमलेश ने बताया कि रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे उनकी मां के सिर में अचानक से दर्द शुरू हुआ और लेट गईं. जब उनकी नींद खुली तो देखा कि बिस्तर के नीचे चोटी कटी हुई थी. इसी तरह मनोज की मां की दो बार चोटी काटी गई. पूरे गांव में दहशत का माहौल है. गौर करने वाली बात यह है कि कगनहेरी गांव में तीन महिलाओं की चोटी कटी है और सभी की उम्र 50 के पार है.
1. पुलिस के मुताबिक सबसे पहले राजस्थान के गांवों में चोटी काटने के मामले सामने सामने आए. इसके बाद हरियाणा के झज्जर, मेवात, रोहतक आदि जिले के गांवों में महिलाओं की चोटी काटने की घटनाएं हुईं. धीरे-धीरे चोटी काटने की घटनाएं गुरुग्राम और दिल्ली के गांवों में भी होने लगी हैं.
2. इन मामलों की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि घटनास्थलों पर कोई सुराग नहीं मिल रहे हैं. पीडि़तों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य बात नहीं दिखी. ज्यादातर पीडि़तों के साथ रहने वालों ने किसी कथित हमलावर को नहीं देखा. केवल पीडि़ता ने ही हमलावर की उपस्थिति को देखने या महसूस करने की बात कही है.
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3. लोग अपनी समझ के मुताबिक इस मसले पर कयास लगा रहे हैं. कोई कह रहा है कि इसके पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ है. कोई तांत्रिक या कथित ओझा को इन हमलों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है.
4. हालांकि इस तरह की घटनाओं में कोई प्रमाण नहीं मिलता तो कई तर्कवादी इसको मास हिस्टिरिया या जन भ्रम का नाम देते हैं. लिहाला पुलिस भी लोगों से अफवाहों से बचने को कह रही है.
VIDEO: चोटी काटने की घटनाएं
5. अभी तक इस तरह के करीब 50 मामले सामने आए हैं. ताजा घटनाक्रम में रविवार को दिल्ली के कगनहेरी गांव में विमलेश और मनोज की मां की चोटी काटी गई है. विमलेश ने बताया कि रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे उनकी मां के सिर में अचानक से दर्द शुरू हुआ और लेट गईं. जब उनकी नींद खुली तो देखा कि बिस्तर के नीचे चोटी कटी हुई थी. इसी तरह मनोज की मां की दो बार चोटी काटी गई. पूरे गांव में दहशत का माहौल है. गौर करने वाली बात यह है कि कगनहेरी गांव में तीन महिलाओं की चोटी कटी है और सभी की उम्र 50 के पार है.
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