नम्रता दामोर (फाइल फोटो)
भोपाल:
वर्ष 2012 को 19 वर्षीय नम्रता दामोर का शव मध्य प्रदेश के उज्जैन में रेलवे ट्रैक पर पाया गया था, जो व्यापमं घोटाले में हुई 35वीं मौत थी। शुरुआती जांच में हत्या की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बाद में पुलिस द्वारा इसे आत्महत्या का मामला बताया गया। 9 जनवरी 2012 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिसमें यह बताया गया कि नम्रता की मौत दम घुटने के कारण हुई। यह एक प्रकार से हत्या हो सकती है।
वहीं, पुलिस ने बताया कि उन्होंने फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटना स्थल की अच्छे से जांच पड़ताल की, लेकिन वहां से ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो नम्रता की हत्या की पुष्टि कर सके। वर्ष 2014 में पुलिस ने इस मामले को एक आत्महत्या का मामला बता कर इस केस को बंद कर दिया।
नम्रता मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी और व्यापमं घोटाले की आरोपी भी थी, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि उसने अवैध तरीके से मेडिकल में अपनी सीट पाई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनोहर वर्मा ने कहा कि हमलोगों ने नम्रता की मौत की जांच की, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो हत्या की ओर इशारा करे। इसके अलावा फोरेंसिक एक्सपर्टों को भी जांच में कुछ नहीं मिला। अगर कुछ आगे सामने आएगा तो हम दुबारा जांच करेंगे।
वहीं, पुलिस ने बताया कि उन्होंने फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटना स्थल की अच्छे से जांच पड़ताल की, लेकिन वहां से ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो नम्रता की हत्या की पुष्टि कर सके। वर्ष 2014 में पुलिस ने इस मामले को एक आत्महत्या का मामला बता कर इस केस को बंद कर दिया।
नम्रता मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी और व्यापमं घोटाले की आरोपी भी थी, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि उसने अवैध तरीके से मेडिकल में अपनी सीट पाई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनोहर वर्मा ने कहा कि हमलोगों ने नम्रता की मौत की जांच की, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो हत्या की ओर इशारा करे। इसके अलावा फोरेंसिक एक्सपर्टों को भी जांच में कुछ नहीं मिला। अगर कुछ आगे सामने आएगा तो हम दुबारा जांच करेंगे।
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