मुनव्वर राणा (फाइल फोटो)
लखनऊ:
देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में पिछले दिनों अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।
राणा ने बताया, 'मेरे पास परसों प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था। इस दौरान मेरे सामने बुधवार को नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात करने की पेशकश रखी गई थी। उस वक्त मैं ग्वालियर में था, लिहाजा मैंने कहा कि मैं इतनी जल्दी दिल्ली नहीं पहुंच सकूंगा। मुलाकात का वक्त किसी और दिन तय कर लिया जाए। इस पर मुझसे कहा गया कि नई तारीख तय करने में कुछ वक्त लगेगा।' उन्होंने कहा कि मोदी अब जब भी बुलाएंगे, वह उनसे मुलाकात करके मौजूदा हालात को लेकर अपने दर्द और साहित्य अकादमी अवार्ड वापस किए जाने की वजह बताएंगे। साथ ही उन कारणों का जिक्र भी करेंगे जिनसे मुल्क का माहौल खराब किया जा रहा है।
कैंसर का इलाज करा रहे इस शायर ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को देश की गंगा-जमुनी तहजीब का हवाला देते हुए उनसे एक शायर की तरह मिलूंगा। यह तमन्ना है मेरी कि जब जान से जाऊं, जिस शान से आया था उसी शान से जाऊं।' अपने अवार्ड लौटाने वाले कुछ और साहित्यकारों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने जाने की संभावना के सवाल पर राना ने कहा, 'कोई जाए या ना जाए, यह उसका मसला है, लेकिन अगर मोदी मुझे बुलाएंगे तो मैं जरूर जाऊंगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या अगर मोदी आग्रह करेंगे तो वह साहित्य अकादमी अवार्ड दोबारा स्वीकार कर लेंगे, इस शायर ने कोई साफ जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि राना ने गत 18 अक्तूबर को एक टेलीविजन शो के दौरान खुद को पिछले साल दिया गया साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वह देश में बढ़ती असहिष्णुता और साम्प्रदायिकता के विरोध में यह अवार्ड वापस कर रहे हैं।
राणा ने बताया, 'मेरे पास परसों प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था। इस दौरान मेरे सामने बुधवार को नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात करने की पेशकश रखी गई थी। उस वक्त मैं ग्वालियर में था, लिहाजा मैंने कहा कि मैं इतनी जल्दी दिल्ली नहीं पहुंच सकूंगा। मुलाकात का वक्त किसी और दिन तय कर लिया जाए। इस पर मुझसे कहा गया कि नई तारीख तय करने में कुछ वक्त लगेगा।' उन्होंने कहा कि मोदी अब जब भी बुलाएंगे, वह उनसे मुलाकात करके मौजूदा हालात को लेकर अपने दर्द और साहित्य अकादमी अवार्ड वापस किए जाने की वजह बताएंगे। साथ ही उन कारणों का जिक्र भी करेंगे जिनसे मुल्क का माहौल खराब किया जा रहा है।
कैंसर का इलाज करा रहे इस शायर ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को देश की गंगा-जमुनी तहजीब का हवाला देते हुए उनसे एक शायर की तरह मिलूंगा। यह तमन्ना है मेरी कि जब जान से जाऊं, जिस शान से आया था उसी शान से जाऊं।' अपने अवार्ड लौटाने वाले कुछ और साहित्यकारों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने जाने की संभावना के सवाल पर राना ने कहा, 'कोई जाए या ना जाए, यह उसका मसला है, लेकिन अगर मोदी मुझे बुलाएंगे तो मैं जरूर जाऊंगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या अगर मोदी आग्रह करेंगे तो वह साहित्य अकादमी अवार्ड दोबारा स्वीकार कर लेंगे, इस शायर ने कोई साफ जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि राना ने गत 18 अक्तूबर को एक टेलीविजन शो के दौरान खुद को पिछले साल दिया गया साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वह देश में बढ़ती असहिष्णुता और साम्प्रदायिकता के विरोध में यह अवार्ड वापस कर रहे हैं।
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