![मुंबई में फिर गुनगुना सकते हैं... कहीं मोटर, कहीं ट्रामें...! मुंबई में फिर गुनगुना सकते हैं... कहीं मोटर, कहीं ट्रामें...!](https://i.ndtvimg.com/i/2015-07/mumbai-tram_650x488_71436090071.jpg?downsize=773:435)
ट्राम का फाइल फोटो...
मुंबई:
देश की पहली ट्राम मुंबई में साल1873 में परेल से कोलाबा के बीच चली थी, लेकिन कुछ सालों पहले भागती दौड़ती मुंबई के साथ ट्राम दौड़ नहीं पाई और उसे बंद करना पड़ा। अब एक बार फिर शहर में ट्राम दौड़ाने की योजना है।
मुंबई में ट्राम को फिर से चलाने का सपना सामने रखा है केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने। नरीमन पॉइंट से कांदिवली तक बनने वाले कोस्टल रोड के मल्टी मॉडल कॉरिडोर में ट्राम को भी शामिल करने की योजना है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा "हमें सुझाव मिले हैं कि अगर कोस्टल रोड को सिर्फ निजी वाहनों के लिए बनाया जाएगा तो ये ट्रैफिक की समस्या का समाधान नहीं होगा, इसलिए हमारी कोशिश होगी इसके आसपास मेट्रो, ट्राम चलाने की। इलेक्ट्रिक ट्राम तेज़ी से दौड़ सकती है।"
फिलहाल देश में ट्राम सिर्फ कोलकाता में चल रही हैं, लेकिन मुंबई में भी 60 के दशक तक ट्राम सेवा बहाल थी। मुंबई में पहली ट्राम परेल से कोलाबा तक चलाई गई थी, लेकिन उस वक्त ट्राम को घोड़े खींचते थे, तकरीबन 30 साल बाद शहर में बिजली से चलने वाली ट्राम दौड़ी। डबल डेकर ट्रामों का भी प्रयोग हुआ। जानकारों का भी मानना है कि मुंबई जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर में ट्राम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अच्छा और सस्ता विकल्प हो सकता है।
ट्रैफिक एक्सपर्ट अशोका दातार के मुताबिक "मुझे लगता है, ट्राम मुंबई जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर के लिए बहुत अच्छा है। चूंकि पटरी के बीच कम जगह लगती है, इसलिए ये बीआरटीएस के मुकाबले भी बेहतर है। विएना, एम्सटर्डम, प्राग जैसे शहरों में ट्राम बखूबी चल रही हैं।"
मुंबई में ट्राम को फिर से चलाने का सपना सामने रखा है केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने। नरीमन पॉइंट से कांदिवली तक बनने वाले कोस्टल रोड के मल्टी मॉडल कॉरिडोर में ट्राम को भी शामिल करने की योजना है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा "हमें सुझाव मिले हैं कि अगर कोस्टल रोड को सिर्फ निजी वाहनों के लिए बनाया जाएगा तो ये ट्रैफिक की समस्या का समाधान नहीं होगा, इसलिए हमारी कोशिश होगी इसके आसपास मेट्रो, ट्राम चलाने की। इलेक्ट्रिक ट्राम तेज़ी से दौड़ सकती है।"
फिलहाल देश में ट्राम सिर्फ कोलकाता में चल रही हैं, लेकिन मुंबई में भी 60 के दशक तक ट्राम सेवा बहाल थी। मुंबई में पहली ट्राम परेल से कोलाबा तक चलाई गई थी, लेकिन उस वक्त ट्राम को घोड़े खींचते थे, तकरीबन 30 साल बाद शहर में बिजली से चलने वाली ट्राम दौड़ी। डबल डेकर ट्रामों का भी प्रयोग हुआ। जानकारों का भी मानना है कि मुंबई जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर में ट्राम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अच्छा और सस्ता विकल्प हो सकता है।
ट्रैफिक एक्सपर्ट अशोका दातार के मुताबिक "मुझे लगता है, ट्राम मुंबई जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर के लिए बहुत अच्छा है। चूंकि पटरी के बीच कम जगह लगती है, इसलिए ये बीआरटीएस के मुकाबले भी बेहतर है। विएना, एम्सटर्डम, प्राग जैसे शहरों में ट्राम बखूबी चल रही हैं।"
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