समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव गुरुवार को सीमा पर पाकिस्तान की ओर से रुक-रुककर हो रही गोलीबारी को लेकर खासे चिंतित दिखाई दिए. पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ युद्घ के खिलाफ हैं. वहीं, शहीदों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश के पास विश्व की सबसे शक्तिशाली सेना मौजूद है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समाजवादी विकास रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही. इस मौके पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव भी मौजूद थे. मुलायम ने कहा, 'मैं रक्षामंत्री रहा हूं. मुझे पता है कि हमारे पास विश्व की शक्तिशाली सेना मौजूद है. मैं पाकिस्तान के साथ युद्घ नहीं चाहता. सीमा पर जो जवान शहीद होते हैं, वे बहुत बहादुर होते हैं. मैं उनके माता-पिता को सलाम करता हूं. उनकी वजह से ही आज हम सुरक्षित हैं."
अखिलेश की रथयात्रा को शुभकामनाएं देते हुए मुलायम ने कहा, 'अच्छी बात है कि रथयात्रा निकल रही है. मैं इस रथयात्रा को शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन, साथ ही यह भी कहना चाहता हूं कि इस रथयात्रा का नाम उल्टा रखा गया है. इसका नाम 'विकास से विजय की ओर' होने की जगह 'विजय से विकास की ओर' होना चाहिए था. विजय शब्द को पहले रखना चाहिए था.' लखनऊ स्थित लॉ मार्टिनियर ग्राउंड से मुलायम ने विकास से विजय की ओर रथयात्रा को रवाना किया.
मुलायम सिंह ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि सिर्फ नारों से काम नहीं चलेगा. 'ये जवानी किसके नाम, अखिलेश भैया तेरे नाम.' इस तरह के नारों से काम नहीं चलेगा. चुनाव जीतना है और सरकार बनानी है तो जमकर मेहनत करनी पड़ेगी. इसके लिए सबको तैयार रहना होगा.
इस दौरान मुलायम सिंह ने एकबार फिर शिवपाल यादव के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पार्टी को खड़ा करने में शिवपाल ने जितना योगदान दिया है, उतना किसी का नहीं है. वह खुद रात को देर से आते थे और पार्टी के काम के लिए सुबह जल्दी चले जाते थे. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में काफी मेहनत करनी पड़ी है. त्याग और बलिदान के बाद सपा जैसी पार्टी बनी है. समाजवादियों के इतिहास को जानना जरूरी है. पार्टी को खड़ा करने लिए आंदोलन के दौरान काफी लाठियां खाई हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समाजवादी विकास रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही. इस मौके पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव भी मौजूद थे. मुलायम ने कहा, 'मैं रक्षामंत्री रहा हूं. मुझे पता है कि हमारे पास विश्व की शक्तिशाली सेना मौजूद है. मैं पाकिस्तान के साथ युद्घ नहीं चाहता. सीमा पर जो जवान शहीद होते हैं, वे बहुत बहादुर होते हैं. मैं उनके माता-पिता को सलाम करता हूं. उनकी वजह से ही आज हम सुरक्षित हैं."
अखिलेश की रथयात्रा को शुभकामनाएं देते हुए मुलायम ने कहा, 'अच्छी बात है कि रथयात्रा निकल रही है. मैं इस रथयात्रा को शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन, साथ ही यह भी कहना चाहता हूं कि इस रथयात्रा का नाम उल्टा रखा गया है. इसका नाम 'विकास से विजय की ओर' होने की जगह 'विजय से विकास की ओर' होना चाहिए था. विजय शब्द को पहले रखना चाहिए था.' लखनऊ स्थित लॉ मार्टिनियर ग्राउंड से मुलायम ने विकास से विजय की ओर रथयात्रा को रवाना किया.
मुलायम सिंह ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि सिर्फ नारों से काम नहीं चलेगा. 'ये जवानी किसके नाम, अखिलेश भैया तेरे नाम.' इस तरह के नारों से काम नहीं चलेगा. चुनाव जीतना है और सरकार बनानी है तो जमकर मेहनत करनी पड़ेगी. इसके लिए सबको तैयार रहना होगा.
इस दौरान मुलायम सिंह ने एकबार फिर शिवपाल यादव के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पार्टी को खड़ा करने में शिवपाल ने जितना योगदान दिया है, उतना किसी का नहीं है. वह खुद रात को देर से आते थे और पार्टी के काम के लिए सुबह जल्दी चले जाते थे. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में काफी मेहनत करनी पड़ी है. त्याग और बलिदान के बाद सपा जैसी पार्टी बनी है. समाजवादियों के इतिहास को जानना जरूरी है. पार्टी को खड़ा करने लिए आंदोलन के दौरान काफी लाठियां खाई हैं.
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