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This Article is From Jan 07, 2016

भारत के पहले मुस्लिम गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद

भारत के पहले मुस्लिम गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद
श्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री मुफ्ती मोहम्‍मद सईद का 79 वर्ष की उम्र में आज एम्‍स में देहांत हो गया। फेफड़ों में संक्रमण के कारण वे पिछले दो हफ्तों से अस्‍पताल में भर्ती थे।

भाजपा के साथ गठबंधन कर बनाई थी राज्‍य में सरकार
इसी वर्ष दूसरी बार राज्‍य के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने वाले सईद की पार्टी पीडीपी ने इन विधानसभा चुनावों में अच्‍छी-खासी सीटें जीती थीं, लेकिन वह सरकार बनाने में असमर्थ थे। इस वजह से उन्‍हें राज्‍य में सरकार गठन के लिए उन्‍हें वैचारिक रूप से विपरीत भाजपा के साथ गठबंधन करना पड़ा।

कांग्रेस छोड़कर वीपी सिंह के साथ गए थे
सईद दशकों तक कश्‍मीर में कांग्रेस का चेहरा रहे। साल 1983 में उन पर नेशनल कॉन्‍फ्रेंस में फूट गढ़ने और फारूख अब्‍दुल्‍ला सरकार को गिराए जाने के आरोप लगे। लेकिन फारूख अब्‍दुल्‍ला और राजीव गांधी ने साल 1987 का चुनाव साथ मिलकर लड़ा, लेकिन बाद में वे कांग्रेस छोड़ वीपी सिंह के साथ शामिल हो गए।

बाद में किया था पीडीपी का गठन
1989 में वीपी सिंह की सरकार में वे देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान जम्‍मू-कश्‍मीर में विवादास्पद आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट लागू किया गया था कि यह उनके कार्यकाल के दौरान किया गया था।
हालां‍कि उनके दिल्ली के शख्‍स होने का टैग और कश्मीर के सबसे बड़े नेता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के खिलाफ खड़े होने के बाद मुफ्ती मोहम्‍मद सईद की छवि तब बदली जब उन्‍होंने राज्य के लिए स्व-शासन या सीमित संप्रभुता के एक नरम अलगाववादी एजेंडे के साथ पीडीपी का गठन किया। पार्टी के गठन के तीन साल के भीतर दल ने साल 2002 के विधानसभा चुनावों में घाटी में 16 सीटें जीतीं।

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