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This Article is From Feb 26, 2015

इस रविवार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे मुफ्ती मोहम्मद सईद

इस रविवार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे मुफ्ती मोहम्मद सईद
मुफ्ती मोहम्मद सईद की फाइल फोटो
नई दिल्ली:

पीडीपी और भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाने के लिए अपने मतभेदों को दूर कर लिया है और साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमति बन गई है। पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद आगामी रविवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

पीडीपी के संस्थापक सईद गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचे और शुक्रवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की मुलाकात सईद के जम्मू-कश्मीर का फिर मुख्यमंत्री बनने की दिशा में आखिरी कदम होगा। इसके साथ ही भाजपा इस संवेदनशील राज्य में पहली बार सत्ता में साझेदारी करेगी।

पीडीपी के संरक्षक ने यहां पहुंचने पर कहा कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमति बन गई है और अब वह कल प्रधानमंत्री से मुलाकात करने जा रहे हैं।

सईद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 जैसे विवादास्पद मुद्दों पर सहमति के बारे में बात करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन मुद्दों पर बातचीत नहीं करूंगा।..यह (साझा न्यूनतम कार्यक्रम) लिखित में सामने आएगा और देश की संपूर्ण जनता देखेगी कि हम क्या कर रहे हैं।’’

माना जा रहा है कि सईद जम्मू में आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित करेंगे।

सईद और मोदी की मुलाकात से पहले पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को यहां मुलाकात की और राज्य में गठबंधन सरकार के बारे में घोषणा की थी। उस मुलाकात के बाद शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का गौरव बहाल होगा और भाजपा-पीडीपी सरकार सुशासन और विकास को सुनिश्चित करते हुए राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

सईद मुख्यमंत्री होने के साथ ही गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। 1953 में पारंपरिक रूप से यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही होता रहा है। भाजपा के निर्मल सिंह उप-मुख्यमंत्री बन सकते हैं तथा उनके पास योजना विभाग होगा।

बीते 23 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 28 विधायकों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी और 25 विधायकों के साथ भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नेशनल कांफ्रेंस को 15 और कांग्रेस 12 सीटें मिली थीं।

सरकार बनाने को लेकर भाजपा और पीडीपी के बीच करीब दो महीने से बातचीत चल रही थी। दोनों दलों ने धारा-370, सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA), पश्चिमी पाकिस्तानी के शरणार्थियों को बसाना और पाकिस्तान एवं राज्य के अलगाववादी नेताओं के साथ बातचीत के मुद्दों पर मतभेदों को दूर कर लिया है।

शीषर्स्थ सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों की ओर से तैयार साझा न्यूनतम कार्यक्रम के दस्तावेज में मुख्य रूप से विकास और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दस्तावेज में घाटी छोड़कर जा चुके 60,000 कश्मीरी पंडित परिवारों को फिर से बसाने के उपायों के बारे में बात की गई है।

धारा 370 के मुद्दे पर भाजपा ने कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया जैसा कि पीडीपी मांग करती रही है। सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसमें दोनों पार्टियां कह सकती है कि वे संविधान के दायरे में राज्य के लोगों की अकांक्षाओं का सम्मान करेंगे।

प्रस्तावित दस्तावेज में पश्चिमी पाकिस्तान के 25,000 परिवारों के मुद्दे को भी मानवीय आधार पर सुलझाने की बात की जा सकती है।

पनबिजली परियोजनाओं को राज्य को सौंपना और घाटी में सेना द्वारा जमीन एवं इमारतों को खाली करने के मुद्दे भी शामिल हो सकते हैं।

जम्मू में पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी और पीडीपी संरक्षक सईद के बीच मुलाकात के बाद सरकार के गठन की तिथि के बारे में ऐलान होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन की तिथि का ऐलान कल दिल्ली में होगा।’’ अख्तर ने कहा, ‘‘पीडीपी के संरक्षक नई दिल्ली में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। वह सरकार के गठन की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि गतिरोध वाले मुद्दों को हल कर लिया गया है।

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