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This Article is From Jun 21, 2015

मध्य प्रदेश सरकार ने सुषमा स्वराज के पति और बेटी को बनाया था सरकारी वकील : RTI

मध्य प्रदेश सरकार ने सुषमा स्वराज के पति और बेटी को बनाया था सरकारी वकील : RTI
भोपाल: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को लेकर पहले से ही विवादों से घिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक ताजा मुसीबत में फंस सकती हैं। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) से मिली जानकारी में पता चला है कि मध्य प्रदेश सरकार ने उनके पति एवं पुत्री को सरकारी वकील नियुक्त किया है।

हालांकि प्रदेश बीजेपी ने किसी भी गलत कार्य से साफ तौर पर इंकार किया और कहा है कि नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की गई हैं। लेकिन कांग्रेस ने इस दलील को नकारते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।

ललित मोदी के लिए यात्रा दस्तावेज तैयार करने की कथित सिफारिश को लेकर कांग्रेस सुषमा के इस्तीफे की मांग कर रही है। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने कहा कि राज्य सरकार ने विदिशा से सांसद सुषमा की बेटी बांसुरी को 2013 में और सुषमा के पति स्वराज कौशल को 2009 में सरकारी वकील नियुक्त करने का आदेश जारी किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सुषमा को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनके पति एवं बेटी को सरकारी वकील नियुक्त किया है।

उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार 27 फरवरी 2013 को प्रदेश के विधि विभाग द्वारा जारी आदेश में विदिशा से सांसद की बेटी को जुनियर वकील नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था।

दुबे ने बताया कि इसी प्रकार 10 अक्टूबर 2009 को उनके पति को सीनियर वकील नियुक्त किया गया था। दुबे ने बताया कि आरटीआई के तहत लगभग पन्द्रह दिन पहले प्राप्त अधिकृत दस्तावेज उनके पास हैं, जो बताते हैं कि स्वराज कौशल व बांसुरी कौशल को मध्य प्रदेश में सरकारी वकील नियुक्त किया गया है।

एनजीओ ‘ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया’ की प्रबंध समिति सदस्य अजय दुबे ने रविवार को भोपाल में कहा, ‘ये दस्तावेज साफ तौर पर बताते हैं कि मध्य प्रदेश में राजनीतिज्ञों को उपकृत किया जा रहा है।’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्र ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्रियों को लाभ पहुंचाने का मुख्यमंत्री चौहान एक भी मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने (चौहान ने) कौशल एवं बांसुरी को सरकारी वकील नियुक्त कर सुषमा को उपकृत किया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में आरोप लगने के बाद अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को उपकृत करने में लगे हुए हैं।

मिश्र ने कहा कि इन नियुक्तियों के बाद से राज्य सरकार द्वारा कौशल एवं बांसुरी को लाखों रुपये का विधिक शुल्क अपने खजाने से चुकाया गया है। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री को ये दोनों नियुक्तियां तत्काल निरस्त करनी चाहिए।

उधर, प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी डॉ. हितेष बाजपेयी ने कहा कि कौशल एवं बांसुरी की नियुक्तियां कर राज्य सरकार ने कोई भी गलत, गैर कानूनी अथवा अनुचित काम नहीं किया है। ये नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की गई हैं और इससे अधिक कुछ भी समझा नहीं जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘कौशल एक वरिष्ठ वकील हैं और यह ऐसा ही है, जैसे कांग्रेस के कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, केटीएस तुलसी आदि को कई राज्यों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए पारिश्रमिक पर रखा जाता है।’ डॉ. बाजपेयी ने कहा कि कांग्रेस झूठ का सहारा लेकर एनडीए सरकार की छवि धूमिल करना चाहती है, जिसका पिछले एक साल का कामकाज निष्कलंक रहा है।

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