नई दिल्ली:
भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची को लेकर पिछले दिनों पैदा हुए विवाद के चलते शर्मिन्दगी झेलने वाले गृह मंत्रालय ने अब सभी राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों तथा जांच एजेंसियों से वांछित लोगों के बारे में अपनी सूचियों की हर तीन माह पर समीक्षा करने और केन्द्र को इसके बारे में सूचित करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जारी परामर्श में सभी राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और जांच एजेंसियों से कहा है कि यदि वांछित सूची का कोई अपराधी गिरफ्तार किया जाता है तो मंत्रालय को तत्काल इसकी सूचना दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सूची से नाम हटा दिया गया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, यह पहला कदम है जो हमने उठाया है। कुछ और कदम उठाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वांछितों की सूची त्रुटिहीन हो। यह कदम पाकिस्तान को सौंपी गई 50 वांछितों की सूची में शामिल दो नामों को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद उठाया गया है। ये दोनों व्यक्ति मुंबई में रह रहे हैं। एक ठाणे निवासी है तो दूसरा महानगर की अदालत में है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान को सौंपी गई सूची सीबीआई, खुफिया ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी तथा सरकार के अन्य विभागों द्वारा तैयार की गई थी।
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