नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में जमीन की बंदरबांट को लेकर कैग रिपोर्ट में जिन नेताओं के नाम सामने आए हैं उनमें राज्य के पीडब्लूडी मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल का नाम भी शामिल है। दरअसल, भुजबल ने करोड़ों की जमीन अपने भतीजे समीर भुजबल के ट्रस्ट को कौड़ियों के दाम दी थी।
गोवर्धन गांव में चालीस हजार स्क्वेयर मीटर की जमीन का यह हिस्सा 2003 में उनके ट्रस्ट को माइनिंग का रिजर्वेशन हटाकर सौंपा गया। कीमत रही महज एक लाख तीस हजार रुपये। ट्रस्ट ने फिर 2009 में पचास हजार स्क्वेयर मीटर की जमीन की मांग की जो उसे महज सात लाख तीस हजार रुपये में दे दी गई। यानी जो सरकारी जमीन नौ करोड़ रुपये की थी वह सरकार के मंत्री के अपनों को महज 9 लाख रुपये में दे दी गई।
गोवर्धन गांव में चालीस हजार स्क्वेयर मीटर की जमीन का यह हिस्सा 2003 में उनके ट्रस्ट को माइनिंग का रिजर्वेशन हटाकर सौंपा गया। कीमत रही महज एक लाख तीस हजार रुपये। ट्रस्ट ने फिर 2009 में पचास हजार स्क्वेयर मीटर की जमीन की मांग की जो उसे महज सात लाख तीस हजार रुपये में दे दी गई। यानी जो सरकारी जमीन नौ करोड़ रुपये की थी वह सरकार के मंत्री के अपनों को महज 9 लाख रुपये में दे दी गई।
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