सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
देश के 1700 से ज्यादा सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मालमे चल रहे हैं. यह सभी मामले में अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं. इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में दी है. केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि इन सांसदों और विधायकों पर कुल 3,045 मामले दर्ज हैं. कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से यह जानकारी मांगी थी. गौरतलब है कि बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दायर कर आपराधिक मामलों में दोषी सांसदों और विधायकों के आजीवन चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी.
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इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे सांसद और विधायकों की सूची मांगी थी, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक साल में ट्रायल पूरा करने के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन करने के निर्देश दिया था. सरकार द्वारा दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक सबसे ज्यादा 248 आपराधिक लंबित मामलों के साथ उत्तर प्रदेश के सांसद और विधायक सबसे टॉप पर हैं.
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इस सूची में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु के सांसद और विधायक हैं. इनके खिलाफ कुल 178 मामले में दर्ज हैं. वहीं तीसरे स्थान पर 144 लंबित मामलों के साथ बिहार के सांसद और विधायक आते हैं. चौथे नंबर पर 139 मामलों के साथ पश्चिम बंगाल के सांसद और विधायक हैं. जबकि आंध्र प्रदेश, केल और तेलंगाना के सांसद और विधायकों के खिलाफ कुल 100 से ज्यादा मामले लंबित हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बताया कि 2014 से 2017 के बीच कुल 1,765 जन प्रतिनिधियों के खिलाफ 3,816 मामले लंबित हैं जिनमें से 125 मामलों का निपटारा एक साल के भीतर किया गया है.
VIDEO: केंद्र सरकार ने दायर की याचिका.
सरकार ने बताया कि बीते तीन वर्षों में 771 मामलों में सुनवाई पूरी हो गई है. लेकिन इन सब के बावजूद भी अभी 3,045 मामले लंबित चल रहे हैं.
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इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे सांसद और विधायकों की सूची मांगी थी, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक साल में ट्रायल पूरा करने के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन करने के निर्देश दिया था. सरकार द्वारा दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक सबसे ज्यादा 248 आपराधिक लंबित मामलों के साथ उत्तर प्रदेश के सांसद और विधायक सबसे टॉप पर हैं.
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इस सूची में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु के सांसद और विधायक हैं. इनके खिलाफ कुल 178 मामले में दर्ज हैं. वहीं तीसरे स्थान पर 144 लंबित मामलों के साथ बिहार के सांसद और विधायक आते हैं. चौथे नंबर पर 139 मामलों के साथ पश्चिम बंगाल के सांसद और विधायक हैं. जबकि आंध्र प्रदेश, केल और तेलंगाना के सांसद और विधायकों के खिलाफ कुल 100 से ज्यादा मामले लंबित हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बताया कि 2014 से 2017 के बीच कुल 1,765 जन प्रतिनिधियों के खिलाफ 3,816 मामले लंबित हैं जिनमें से 125 मामलों का निपटारा एक साल के भीतर किया गया है.
VIDEO: केंद्र सरकार ने दायर की याचिका.
सरकार ने बताया कि बीते तीन वर्षों में 771 मामलों में सुनवाई पूरी हो गई है. लेकिन इन सब के बावजूद भी अभी 3,045 मामले लंबित चल रहे हैं.
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