नई दिल्ली:
सरकार ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2009 से 2011 के बीच महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों के छह लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए।
गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने आज राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2009 में महिलाओं के खिलाफ ज्यादती के 2,03,804 मामले, 2010 में 2,13,585 मामले और वर्ष 2011 में ऐसे 2,28,650 मामले दर्ज किए गए।
सिंह ने बताया कि चार फरवरी 2013 को आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2013 जारी किया गया है जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने आज राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2009 में महिलाओं के खिलाफ ज्यादती के 2,03,804 मामले, 2010 में 2,13,585 मामले और वर्ष 2011 में ऐसे 2,28,650 मामले दर्ज किए गए।
सिंह ने बताया कि चार फरवरी 2013 को आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2013 जारी किया गया है जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।