दिल्ली में देश के पहले प्लाज्मा बैंक को खुले एक हफ्ता हो चुका है. गुरुवार 2 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दक्षिण दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में दिल्ली प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन किया था. लेकिन इस 1 हफ्ते के दौरान प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा लेने वालों की संख्या ज्यादा रही जबकि प्लाज्मा देने वालों की कम. ऐसे में प्लाज्मा बैंक में प्लाज़्मा के स्टॉक का संकट ना हो इसके लिए प्लाज्मा बैंक को चलाने वाले अस्पताल इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेज ने नई व्यवस्था बनाई है.
नई व्यवस्था के तहत अब जिस भी अस्पताल को अपने कोरोना मरीज़ के लिए प्लाज्मा चाहिए होगा उसको अपने अधिकृत व्यक्ति या मरीज़ के परिवार वालों के हाथों जरूरी दस्तावेजों के साथ प्लाज्मा डोनर भी भेजना होगा. प्लाज्मा डोनर किसी भी ब्लड ग्रुप का हो सकता है. लेकिन प्लाज्मा ढूंढो भेजने की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल की होगी. जब प्लाज्मा डोनर प्लाज्मा बैंक में अपना प्लाज्मा डोनेट कर देगा उसके बाद अस्पताल द्वारा अधिकृत व्यक्ति या मरीज के परिवार वालों को वह प्लाज्मा दिया जाएगा जिसकी उसको दरकार है.
इस बारे में ILBS अस्पताल के निदेशक डॉ एसके सरीन ने एनडीटीवी को बताया कि ' प्लाज्मा लेने वाले अस्पतालों के लिए अब रिप्लेसमेंट डोनर देना जरूरी है. जो अस्पताल प्लाज्मा बैंक से प्लाज्मा लेने के लिए किसी को भेजेगा उसको साथ मे प्लाज़्मा डोनर भी भेजना होगा. उसी अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि वह डोनर को भेजें जिससे प्लाज़्मा बैंक में प्लाज्मा स्टॉक जमा हो सके'.
NDTV से बातचीत में डॉ सरीन ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि लोग बड़ी संख्या में प्लाज्मा डोनेट करने नहीं पहुंच रहे हैं. डॉ सरीन ने कहा ' 1962 में जब चीन से लड़ाई हुई तब नेहरू जी ने कहा कि लोग खून दें और नेहरू जी के इस आवाहन के बाद खून देने वालों की लाइनें लग गई लेकिन आज वह लोग कहां हैं? हज़ारों लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं लेकिन लोग अपने मन से प्लाज्मा डोनेट करने कहां आ रहे हैं? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं. लोगों को समझना होगा कि प्लाज्मा डोनेट करना भी देशभक्ति का परिचायक है'.
ILBS अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की प्रमुख डॉ मीनू वाजपेई ने एनडीटीवी को बताया कि 'अभी तक प्लाज्मा बैंक से 100 से ज्यादाा मरीजों के लिए प्लाज्मा जारी किया जा चुका है जबकि लगभग इतनेे ही प्लाज्मा डोनर अभी तक प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा डोनेट करने पहुंचे हैं'.
डॉ मीनू वाजपेयी ने बताया कि प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा का स्टॉक मेंटेन करने के लिए हम एक तरफ वॉलिंटियर प्लाज्मा डोनर को फोन करके उनसे प्लाज्मा डोनेट करने को कहते हैं तो दूसरी तरफ हॉस्पिटल से रिप्लेसमेंट डोनर के लिए कहा गया है. रिप्लेसमेंट डोनर असल में उस अस्पताल के डिस्चार्ज हो चुके मरीज होते हैं जिनको अस्पताल प्लाज्मा डोनेट करने के बारे में समझा कर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए भेजता है. हमारे यहां रोजाना लगभग आधे प्लाज्मा डोनर स्वैच्छिक रूप से आते हैं जबकि आधे रिप्लेसमेंट डोनर होते हैं. अस्पतालों के लिए रिप्लेसमेंट डोनर भेजना अनिवार्य किया गया है ताकि स्टॉक मेंटेन किया जा सके'.
VIDEO:प्लाज्मा बैंक: प्लाज्मा डोनर नहीं मिलने से बढ़ती मुश्किलें
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