मानसून सत्र सार्थक रहने का दावा, लोकसभा में 78 और राज्यसभा में 80 प्रतिशत कामकाज

मानसून सत्र में 19 दिन की बैठकें हुईं और लोकसभा में पेश किए गए 17 विधेयकों में से 14 पारित हुए

मानसून सत्र सार्थक रहने का दावा, लोकसभा में 78 और राज्यसभा में 80 प्रतिशत कामकाज

संसद भवन

खास बातें

  • 13 विधेयकों पर दोनों सदनों की मुहर लग चुकी
  • राज्यसभा ने इस बार लोकसभा से अधिक काम किया
  • एक ही दिन में तीन विधेयक चर्चा के बाद पारित
नई दिल्ली:

संसद का मानसून सत्र अनिश्चितकाल काल के लिए स्थगित होने के बाद सरकार ने आज कहा कि यह सत्र हर तरीके से सार्थक रहा और इस दौरान लोकसभा में 77.94 प्रतिशत, वहीं राज्यसभा में 79.95 प्रतिशत कामकाज हुआ.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मानसून सत्र में 19 दिन की बैठकें हुईं और इतनी कम अवधि में लोकसभा में पेश किए गए 17 विधेयकों में से 14 विधेयक पारित किए गए वहीं राज्यसभा में नौ विधेयक पारित किए गए. कुल 13 विधेयक ऐसे रहे जिन पर दोनों सदनों की मुहर लग चुकी है.

उन्होंने कहा कि इस सत्र में लोकसभा में 77.94 प्रतिशत, वहीं राज्यसभा में 79.95 प्रतिशत कामकाज हुआ. राज्यसभा ने इस बार लोकसभा से अधिक काम किया.

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इस सत्र में लोकसभा में देश में कृषि की स्थिति और देश में भीड़ द्वारा हिंसा में अत्याचार और लोगों को पीट-पीटकर मारने की कथित घटनाओं के विषयों पर नियम 193 के तहत चर्चा हुई वहीं राज्यसभा में इन दोनों विषयों के साथ भारत की विदेश नीति पर नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चाएं हुईं. कुमार ने कहा कि सरकार पहले दिन से हर उस विषय पर चर्चा कराने और जवाब देने के लिए तैयार रही जो विपक्ष चाहता था. इस संबंध में कोई गतिरोध नहीं रहा. संसद में सुचारू कामकाज में विपक्ष समेत सभी दलों का सहयोग रहा.

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कुमार ने कहा कि पिछले तीन साल में इस सरकार में यह प्रयोग शुरू किया गया है कि उनके साथ दोनों संसदीय कार्य राज्य मंत्री- एस एस अहलूवालिया और मुख्तार अब्बास नकवी आठ से दस विधेयकों का एक बैंक बनाकर रखते हैं और इसके लिए जहां 2014 से पहले दो सत्रों के बीच में काम किया जाता था वहीं इस सरकार में सत्र के दौरान भी इस काम को किया जाता है. संवाददाता सम्मेलन में अहलूवालिया और नकवी भी उपस्थित थे.

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लोकसभा में इतनी कम अवधि में 14 विधेयक पारित होना एक उपलब्धि है और सदन में एक ही दिन में तीन विधेयकों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित किया जाना अपने आप में रिकार्ड है जो पिछले कई साल में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि गत नौ अगस्त को दोनों सदनों में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा हुई और संकल्प अपनाया गया.

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अनंत कुमार ने कहा कि इसके साथ एक तरह से 125 करोड़ देशवासियों की मुहर नवभारत निर्माण के लिए संकल्प से सिद्धि पर लग गई. उन्होंने कहा कि इस संकल्प के साथ हम अगले पांच साल में देश को भ्रष्टाचार, गरीबी, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त करेंगे और देश में स्वच्छता रखेंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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