मोगा:
पंजाब के मोगा जिले में बस से मां-बेटी को फेंके जाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस और प्रशासन पर मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। मृतक लड़की के पिता का आरोप है कि पुलिस ने जबरन उनसे कुछ दस्तावेज़ों पर दस्तख़्त कराए हैं, जिससे नाराज़ परिजनों ने सिविल अस्पताल के बाहर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। फ़िलहाल इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने कहा, आरोप गलत
फिरोजपुर रेंज के डीआईजी एएस चहल ने दबाव डालने के आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि ये आरोप सही नहीं हैं। पीड़िता के पिता के अंगूठे की निशानी पोस्टमॉर्टम से जुड़ी औपचारिकताओं के लिए ली गई है।
विपक्ष के निशाने पर बादल परिवार
सत्तारूढ़ बादल परिवार की कंपनी की बस होने की वजह से मामले ने सियासी रंग ले लिया है। विपक्ष बादल सरकार पर हमले कर रहा है। कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजपा ने आरोप लगाया कि ऑर्बिट कंपनी बादल परिवार की है। इस बस को राज्य सरकार ने परमिट दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत सिंह मान ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया, उन्होंने कहा कि जिस बस में घटना हुई, उस बस की मालकिन हरसिमरत कौर हैं।
बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी : सीएम प्रकाश सिंह बादल
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा। बादल ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि इस घटना को राजनैतिक मुद्दा न बनाएं।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपनी बेटी और बेटे के साथ गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थी, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
पुलिस ने कहा, आरोप गलत
फिरोजपुर रेंज के डीआईजी एएस चहल ने दबाव डालने के आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि ये आरोप सही नहीं हैं। पीड़िता के पिता के अंगूठे की निशानी पोस्टमॉर्टम से जुड़ी औपचारिकताओं के लिए ली गई है।
विपक्ष के निशाने पर बादल परिवार
सत्तारूढ़ बादल परिवार की कंपनी की बस होने की वजह से मामले ने सियासी रंग ले लिया है। विपक्ष बादल सरकार पर हमले कर रहा है। कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजपा ने आरोप लगाया कि ऑर्बिट कंपनी बादल परिवार की है। इस बस को राज्य सरकार ने परमिट दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत सिंह मान ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया, उन्होंने कहा कि जिस बस में घटना हुई, उस बस की मालकिन हरसिमरत कौर हैं।
बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी : सीएम प्रकाश सिंह बादल
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा। बादल ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि इस घटना को राजनैतिक मुद्दा न बनाएं।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपनी बेटी और बेटे के साथ गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थी, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
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