ऑल इंडिया मजलिस‑ए‑इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में राजमार्ग को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को यही कदम चीन की आक्रमकता को रोकने के लिए लद्दाख में उठाना चाहिए था.ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से अपील की कि वह किसानों की ‘मन की बात' को सुनें. उनका इशारा प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो संबोधन की ओर था.
उन्होंने अहमदाबाद में एक रैली में कहा, ‘‘अगर आपने लद्दाख में कीलें लगाई होतीं तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते. आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए. अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सिखा चुके होते.'' उन्होंने कहा, ‘‘मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया. वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं.''
ओवैसी ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ हैं क्योंकि कृषि राज्य का विषय है इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है और आदिवासी-दलितों को नक्सली और मुस्लिमों को जिहादी बताया गया.
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