
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आगे 'दण्डवत' होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर मोर्चे पर नाकाम केंद्र सरकार का 'रिमोट कंट्रोल' संघ मुख्यालय में है।
मायावती ने दिल्ली में शुक्रवार को संपन्न हुई संघ की तीन-दिवसीय 'समन्वय बैठक' और उसमें मोदी सरकार द्वारा अपना 'रिपोर्ट कार्ड' पेश कर संघ से कथित तौर पर निर्देश लेने की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक चुनी हुई सरकार को सिर्फ संविधान, उसकी मर्यादा और जनभावना के आगे सिर झुकाना चाहिये, न कि संघ जैसे 'द्वेष, घृणा, साम्प्रदायिक और फासीवादी सोच' रखने वाले संगठन के सामने।
उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार करार देती रही है, लेकिन ताजा घटनाक्रम से साबित हुआ है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल संघ मुख्यालय नागपुर में है और उसकी नकेल संघ नेताओं के हाथ में है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री और उसकी सरकार के मंत्री देश की जनता और संसद के प्रति जवाबदेही न निभाकर संघ जैसी संस्था के प्रति जवाबदेह होकर पूरी तरह 'दण्डवत' हो रहे हैं। एक तरह से यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर नाकाम सरकार को शाबाशी दिए जाने से यह भी स्पष्ट हुआ है कि मोदी सरकार के साथ ही संघ को भी गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्याओं के निवारण और दलितों, पिछड़ों और शोषितों की कोई परवाह नहीं है।
मायावती ने दिल्ली में शुक्रवार को संपन्न हुई संघ की तीन-दिवसीय 'समन्वय बैठक' और उसमें मोदी सरकार द्वारा अपना 'रिपोर्ट कार्ड' पेश कर संघ से कथित तौर पर निर्देश लेने की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक चुनी हुई सरकार को सिर्फ संविधान, उसकी मर्यादा और जनभावना के आगे सिर झुकाना चाहिये, न कि संघ जैसे 'द्वेष, घृणा, साम्प्रदायिक और फासीवादी सोच' रखने वाले संगठन के सामने।
उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार करार देती रही है, लेकिन ताजा घटनाक्रम से साबित हुआ है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल संघ मुख्यालय नागपुर में है और उसकी नकेल संघ नेताओं के हाथ में है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री और उसकी सरकार के मंत्री देश की जनता और संसद के प्रति जवाबदेही न निभाकर संघ जैसी संस्था के प्रति जवाबदेह होकर पूरी तरह 'दण्डवत' हो रहे हैं। एक तरह से यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर नाकाम सरकार को शाबाशी दिए जाने से यह भी स्पष्ट हुआ है कि मोदी सरकार के साथ ही संघ को भी गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्याओं के निवारण और दलितों, पिछड़ों और शोषितों की कोई परवाह नहीं है।
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