प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मोदी सरकार के दो साल गुरुवार को पूरे हो रहे हैं और इस अवसर पर कैबिनेट ने बुधवार को कई बड़े फैसले किये। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे सेक्टर में पांच बड़े प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी दी गयी। इसके कार्यान्वयन पर 10736 करोड़ खर्च होंगे। फैसले का ऐलान करते हुए सुरेश प्रभू ने कहा, "हमने जनता से वायदे किये हैं...हम जनता को बताएंगे कि हमने दो साल में क्या-क्या काम किया है।"
कैबिनेट की दो घंटे चली बैठक के बाद निकल कर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक छोटा-मोटा रेल बजट पेश कर दिया। उन्होंने पांच बड़ी योजनाओं का ऐलान किया जिनमें सुरेंद्रनगर-राजकोट रेल लाइन का दोहरीकरण, पुणे-मिराज-लोंडा लाइन का दोहरीकरण, रोज़ा-सीतापुर-बुढ़ावल के बीच ब्रॉड गेज लाइन, विजयनगरम और तीतलागढ़ के बीच तीसरी रेल लाइन और बीना-कटनी के बीच भी तीसरी रेल लाइन। रेल मंत्री ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स के पीछे मंशा रेलवे सेक्टर में कंजेशन कम करने की है जिससे ट्रेनें समय पर चलें और उनकी परिचालन आसान हो सके।
इसके साथ ही, इस अहम मौके पर कैबिनेट ने एक नेशनल कैपिटल गुड्स पॉलिसी को भी मंज़ूरी दे दी। इसके तहत अगले दस साल में भारी उद्योगों के मामले में उत्पादन 2.3 लाख करोड़ से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ करने का इरादा है और तीन करोड़ रोज़गार देने की बात है।
मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर कैबिनेट ने ये अहम फैसले किये। इन फैसलों के ज़रिये कोशिश ये मैसेज देने की है कि अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार गंभीर है और इस दिशा में गंभीरता से पहल कर रही है।
कैबिनेट की दो घंटे चली बैठक के बाद निकल कर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक छोटा-मोटा रेल बजट पेश कर दिया। उन्होंने पांच बड़ी योजनाओं का ऐलान किया जिनमें सुरेंद्रनगर-राजकोट रेल लाइन का दोहरीकरण, पुणे-मिराज-लोंडा लाइन का दोहरीकरण, रोज़ा-सीतापुर-बुढ़ावल के बीच ब्रॉड गेज लाइन, विजयनगरम और तीतलागढ़ के बीच तीसरी रेल लाइन और बीना-कटनी के बीच भी तीसरी रेल लाइन। रेल मंत्री ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स के पीछे मंशा रेलवे सेक्टर में कंजेशन कम करने की है जिससे ट्रेनें समय पर चलें और उनकी परिचालन आसान हो सके।
इसके साथ ही, इस अहम मौके पर कैबिनेट ने एक नेशनल कैपिटल गुड्स पॉलिसी को भी मंज़ूरी दे दी। इसके तहत अगले दस साल में भारी उद्योगों के मामले में उत्पादन 2.3 लाख करोड़ से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ करने का इरादा है और तीन करोड़ रोज़गार देने की बात है।
मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर कैबिनेट ने ये अहम फैसले किये। इन फैसलों के ज़रिये कोशिश ये मैसेज देने की है कि अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार गंभीर है और इस दिशा में गंभीरता से पहल कर रही है।
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