कांग्रेस से निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर.
नई दिल्ली:
बेंजामिन नेतनयाहू और नरेंद्र मोदी, जैसा कि विल्स सिगरेट और फिल्टर्स के विज्ञापन में होता है, 'एक दूसरे के लिए बने हैं'. एक साल के अंतराल में दोनों का जन्म हुआ है. नेतन्याहू का जन्म अक्टूबर 1949 में हुआ है जबकि मोदी का जन्म सितंबर 1950 में हुआ है. ये दोनों ही नेता ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अपने अपने देशों की आजादी के बाद जन्में हैं. एक दूसरे में दोनों को अपनी छवि नजर आती है. ये बातें कांग्रेस से निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर ने एनडीटीवी पर लिखे अपने ब्लॉग में कही हैं.
दोनों ही सख्त, दक्षिणपंथी, दोनों के ही राष्ट्रवादी विचारधारओं के आदर्श हिंसा के समर्थक रहे हैं. मोदी वीडी सावरकर को और नेतन्याहू व्लादिमिर ज़ीइव जबोतिन्स्की की विचारधारा को मानने वाले हैं. सावरकर इस बात से बुद्ध और अशोक से नाराज थे कि दोनों की अहिंसावादी सोच ने हिंदुओं को नपुंसक बना दिया, इसलिए वे हमेशा से हिंदू राष्ट्रवाद के उग्र रूप को पसंद करते रहे. वहीं जबोतिन्स्की यहूदी बोनेट के आइरन वॉल की वकालत करते रहे हैं.
यह भी पढ़ें : भारत के साथ रिश्ते पर बोले बेंजामिन नेतन्याहू : कमजोर नहीं टिकते, मजबूत के साथ होता है गठजोड़
दोनों की ही विचारधारा कुछ ऐसी ही है और दोनों नेता हिंसा आधारित राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं. मोदी और नेतन्याहू संकीर्ण और विभाजक राष्ट्रवाद के विचार के समर्थक हैं और दोनों ही दूसरे के राक्षसी रूप को दिखाते रहे हैं. मोदी के मामले में यह पाकिस्तान है और नेतन्याहू के मामले में यह फिलिस्तीन है.
VIDEO: भारत दौरे पर आए हैं नेतन्याहू
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दोनों ही सख्त, दक्षिणपंथी, दोनों के ही राष्ट्रवादी विचारधारओं के आदर्श हिंसा के समर्थक रहे हैं. मोदी वीडी सावरकर को और नेतन्याहू व्लादिमिर ज़ीइव जबोतिन्स्की की विचारधारा को मानने वाले हैं. सावरकर इस बात से बुद्ध और अशोक से नाराज थे कि दोनों की अहिंसावादी सोच ने हिंदुओं को नपुंसक बना दिया, इसलिए वे हमेशा से हिंदू राष्ट्रवाद के उग्र रूप को पसंद करते रहे. वहीं जबोतिन्स्की यहूदी बोनेट के आइरन वॉल की वकालत करते रहे हैं.
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