पुराने यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक कराना होगा...
नई दिल्ली:
ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर दाखिल करने और पैन कर्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने के बाद सरकार ने सभी मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से जोड़ने का आदेश जारी किया है. ये आदेश सभी नए और पुराने मोबाइल फोन यूजर्स के लिए है. यानी पुराने यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक कराना होगा. भारत के सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन का कहना है कि इसमें करीब 1000 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.
दूरसंचार विभाग ने सभी दूरसंचार कंपनियों को नोटिस जारी करके कहा है कि देश में मौजूद सभी मोबाइल नंबरों को केवायसी प्रोसेस के जरिए दोबारा से सत्यापन करवाया जाए. केवायसी (अपने ग्राहक को जानें) में आधार कार्ड को भी जोड़ा जाएगा. विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी नंबर का सत्यापन नहीं होता है या फिर आधार नंबर से नहीं जोड़ा जाता है तो वह नंबर बंद हो जाएगा. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एक फुल प्रूफ पहचान सत्यापन प्रणाली के स्थान पर सार्वजनिक हित याचिका (पीआईएल) प्राप्त करने के बाद आधार को जोड़ने की बात कही थी.
आधार कार्ड के जरिये पुन:सत्यापन के लिए ऑपरेटर एक सत्यापन कोड ग्राहक के नंबर पर भेजेंगे. उसके बाद ऑपरेटर को उस नंबर के आधार पर यह सत्यापित करना होगा कि मौजूदा ग्राहक का सिम कार्ड उस नंबर पर उपलब्ध है या नहीं? अधिसूचना में कहा गया है, "ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, डेटाबेस में डेटा को अपडेट या पुरानी जानकारी को ओवरराइट किए जाने के बाद ऑपरेटर को ग्राहकों को पुन:सत्यापन के संबंध में 24 घंटे पहले एक संदेश भेजना होगा."
आदेश में यह भी कहा गया है कि एक ई-केवायसी पर एक से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन का वेरीफिकेशन किया जा सकता है लेकिन कई नंबरों का नहीं. अतिरिक्त मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए सब्सक्राइबर को फिर से सत्यापन कराना होगा और ऑपरेटर को अलग से ईकेवायसी प्रक्रिया को फॉलो करना होगा.
दूरसंचार विभाग ने सभी दूरसंचार कंपनियों को नोटिस जारी करके कहा है कि देश में मौजूद सभी मोबाइल नंबरों को केवायसी प्रोसेस के जरिए दोबारा से सत्यापन करवाया जाए. केवायसी (अपने ग्राहक को जानें) में आधार कार्ड को भी जोड़ा जाएगा. विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी नंबर का सत्यापन नहीं होता है या फिर आधार नंबर से नहीं जोड़ा जाता है तो वह नंबर बंद हो जाएगा. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एक फुल प्रूफ पहचान सत्यापन प्रणाली के स्थान पर सार्वजनिक हित याचिका (पीआईएल) प्राप्त करने के बाद आधार को जोड़ने की बात कही थी.
आधार कार्ड के जरिये पुन:सत्यापन के लिए ऑपरेटर एक सत्यापन कोड ग्राहक के नंबर पर भेजेंगे. उसके बाद ऑपरेटर को उस नंबर के आधार पर यह सत्यापित करना होगा कि मौजूदा ग्राहक का सिम कार्ड उस नंबर पर उपलब्ध है या नहीं? अधिसूचना में कहा गया है, "ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, डेटाबेस में डेटा को अपडेट या पुरानी जानकारी को ओवरराइट किए जाने के बाद ऑपरेटर को ग्राहकों को पुन:सत्यापन के संबंध में 24 घंटे पहले एक संदेश भेजना होगा."
आदेश में यह भी कहा गया है कि एक ई-केवायसी पर एक से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन का वेरीफिकेशन किया जा सकता है लेकिन कई नंबरों का नहीं. अतिरिक्त मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए सब्सक्राइबर को फिर से सत्यापन कराना होगा और ऑपरेटर को अलग से ईकेवायसी प्रक्रिया को फॉलो करना होगा.
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