मिजोरम के गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी को हटा दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि डॉ. अज़ीज़ कुरैशी अब मिजोरम के गवर्नर नहीं रहेंगे और उनकी जगह पश्चिम बंगाल के गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी को राज्य के गवर्नर पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
यहां यह अहम है कि कुरैशी को यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान साल 2012 में गवर्नर बनाया गया था और उनका दो साल से ज्यादा का कार्यकाल बचा हुआ था।
एनडीए के सत्ता में आने के बाद पिछले साल अगस्त में कुरैशी ने सुप्रीम कोर्ट में एक पीटिशन दायर की थी की एनडीए सरकार उन्हें उनके पद से हटाने की कोशिश कर रही है। इसके बाद से ही अज़ीज़ कुरैशी और एनडीए सरकार के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में उन्हें उत्तराखंड से मिजोरम ट्रांसफर कर दिया गया था।
कमला बेनीवाल के बाद कुरैशी दूसरे राज्यपाल हैं, जिन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद उनके पद से हटाया गया है। उन्हें कुछ ही महीने पहले मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया था। महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन को मिजोरम स्थानांतरित किया गया था, लेकिन उन्होंने अपना नया पदभार संभालने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया था।
केंद्र में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद पिछली यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त कई राज्यपालों को हटाया गया, जिनमें 87 वर्षीय बेनीवाल शामिल हैं, जो पहले गुजरात की राज्यपाल रही हैं और नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री पर रहते दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे।
पूर्व कांग्रेस नेता वीरेंद्र कटारिया को पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से हटा दिया गया था। अन्य राज्यपालों में एम के नारायणन (पश्चिम बंगाल), अश्विनी कुमार (नगालैंड), बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़) और बीवी वांछू (गोवा) केंद्रीय गृह सचिव का फोन आने के बाद अपने इस्तीफे दे चुके हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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