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This Article is From Dec 09, 2019

सरकार का दावा, जिन 21 शहरों पर भूजल खत्म होने का खतरा मंडरा रहा था, वहां स्थिति नियंत्रित

शेखावत ने इस दिशा में चलाये जा रहे केन्द्र और राज्य के विभिन्न अभियानों को जनजागरुकता के माध्यम से सफल बनाने की जरूरत पर बल दिया.

सरकार का दावा, जिन 21 शहरों पर भूजल खत्म होने का खतरा मंडरा रहा था, वहां स्थिति नियंत्रित
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

सरकार ने राज्यसभा में बताया कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट में उल्लिखित उन 21 शहरों में पानी की उपलब्धता भूमिगत जल स्रोतों के अलावा भूजल स्रोतों पर आधारित होने के कारण जलसंकट चिंता की बात नहीं है जिनमें 2020 तक भूजल खत्म होने की आशंका जतायी गयी है. जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि नीति आयोग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची में 2020 तक जिन शहरों में भूजल समाप्त होने के खतरे की आशंका जताई गई है उनमें दिल्ली, गुरुग्राम, गांधीनगर, यमुनानगर, बेंगलुरु, इंदौर, रतलाम, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, मोहाली, पटियाला, अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर चेन्नई, वेल्लौर, हैदराबाद, आगरा और गाजियाबाद शामिल हैं. 

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शेखावत ने बताया कि इन 21 शहरों में से 15 शहर ऐसे हैं जिनमें पानी की उपलब्धता भूजल और बांध या नदी आदि सतही जलस्रोत पर निर्भर है. सूची में दोहरे जलस्रोत पर पानी की निर्भरता वाले 15 शहरों के अलावा शेष 6 में से 5 शहर ऐसे हैं जिनमें पानी की निर्भरता दोहरे जलस्रोत पर आधारित नहीं है. इन छह शहरों में से 5 शहर पंजाब के है जिनमें नहरों का व्यवस्थित सिस्टम मौजूद है. इसलिये इन शहरों में जलसंकट को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि देश के 256 जिलों के 1500 ब्लॉक को जलस्रोतों के जरूरत से ज्यादा दोहन या अन्य कारणों से जलसंकट के लिहाज से गंभीर श्रेणी में रखा गया है. 

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शेखावत ने कहा कि इन जिलों में भूजल को रीचार्ज करने के लिये जलशक्ति अभियान शुरु किया गया है. इसके तहत केन्द्र और राज्य सरकारों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और जल विशेषज्ञों के समूह स्थिति का आंकलन करने के लिये भेजे गये थे. जिलाधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है. इस अभियान के तहत संबद्ध जिलों में वाटर हार्वेस्टिंग के 99.76 पॉकिट बनाये गये हैं. इन जिलों में जलसंकट की आशंका वाले क्षेत्रों की पहचान के लिये देशव्यापी स्तर पर ‘एक्विफर मैपिंग' भी करायी जा रही है. इन क्षेत्रों में अब तक 10 लाख वर्ग किमी क्षेत्र की मैपिंग हो चुकी है और शेष 15 लाख वर्ग किमी क्षेत्र की मैपिंग अगले दो साल में कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि जलसंकट के लिहाज से गंभीर श्रेणी में सूचीबद्ध 256 जिलों की मैपिंग अगले चार से छह महीनों में पूरी कर इसकी रिपोर्ट संबद्ध राज्य सरकार को सौंप दी जायेगी. 

देश में भूजल स्तर गिर रहा है : सरकार

उन्होंने कहा कि भूजल का गिरता स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है क्योंकि पानी की 65 प्रतिशत जरूरत भूजल से ही पूरी हो रही है. शेखावत ने इस दिशा में चलाये जा रहे केन्द्र और राज्य के विभिन्न अभियानों को जनजागरुकता के माध्यम से सफल बनाने की जरूरत पर बल दिया. औद्योगिक इकाईयों के कारण जलस्रोतों के दूषित होने से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में शेखावत ने स्वीकार किया कि देश के अधिकतर जलस्रोत सीवर ट्रीटमेंट के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण दूषित हुये हैं. 

Video: बड़े जल संकट की ओर बढ़ता भारत

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