जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 35-A पर गरमाती सियासत के बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती आज यानी गुरुवार को दिल्ली में होंगी. राजधानी दिल्ली में वह अनुच्छेद 35-A के बचाव के लिए पीएम मोदी से मुलाक़ात करेंगी.
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दिल्ली रवाना होने से पहले महबूबा इस मुद्दे पर राज्यपाल एनएन वोहरा से भी मिल सकती हैं. इस बीच एक दूसरे की धुर विरोधी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस इस मुद्दे पर साथ आ गई हैं. कल यानी बुधवार को महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुक़ अब्दुल्ला से इस मसले पर मुलाक़ात की.
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दरअसल एक एनजीओ ने अनुच्छेद 35-A को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर अगले महीने अंतिम सुनवाई होनी है. अनु 35 A जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को परिभाषित करता है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने चेतावनी दी है कि अगर 35A हटाया जाता है तो राज्य में बड़ा विद्रोह होगा. वहीं राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पिछले महीने ही बयान दिया था कि अगर राज्य के कानूनों से छेड़छाड़ हुई तो कश्मीर में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं होगा.
क्या है अनुच्छेद 35- A?
-14 मई 1954 को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था
-इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 A जोड़ दिया गया
-ये अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को अधिकार देता है
वीडियो- अनुच्छेद 35 ए के मसले पर पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस एकसाथ
-यह अधिकार देता है कि विधानसभा स्थायी नागरिक की परिभाषा तय की जा सके
-साथ ही, उनकी पहचान कर विभिन्न विशेषाधिकार का भी अधिकारी देता है
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