विज्ञापन
This Article is From Oct 17, 2019

इस शख्स ने सिंगल यूज प्लास्टिक से पब्लिक के लिए बनाया फ्री टॉयलेट, 9,000 बोतलों का किया इस्तेमाल

दिल्ली के रहने वाले अश्विनी अग्रवाल ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर पब्लिक टॉयलेट बनाए हैं.

इस शख्स ने सिंगल यूज प्लास्टिक से पब्लिक के लिए बनाया फ्री टॉयलेट, 9,000 बोतलों का किया इस्तेमाल
Basic Shit प्रोजेक्ट के तहत बना सिंगल यूज प्लास्टिक का टॉयलेट
नई दिल्ली:

सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने के लिए जहां सरकार जन आंदोलन चला रही है. वहीं, अब कई लोग भी इसके इस्तेमाल से बचने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है? जी हां, ऐसा हो सकता है और हो रहा है. दिल्ली के रहने वाले अश्विनी अग्रवाल ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर पब्लिक टॉयलेट बनाए हैं. थोड़ा हैरान करने वाला जरूर है लेकिन ये टॉयलेट पूरी तरह से सिंगल यूज प्लास्टिक के बने हैं और इनमें बोतलों का इस्तेमाल किया गया है.

अश्विनी ने NDTV Khabar से बातचीत में कहा, ''हमने 'Basic Shit' प्रोजेक्ट के तहत पब्लिक के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक से टॉयलेट बनाए हैं. ये यूरिनल टॉयलेट हैं और पब्लिक इनका इस्तेमाल बिना शुल्क के कर सकती है. इसका नाम 'PeePee' है. हमने पहला टॉयलेट दिल्ली की धौलाकुआं रोड पर इंस्‍टॉल किया. इसके बाद दूसरा टॉयलेट एम्स के बाहर रिंग रोड पर लगाया गया. हमारा उद्देश्य लोगों को फ्री टॉयलेट देना है. 'Basic Shit' प्रोजेक्ट में मेरे दोस्त अदिती, आशु, युवा और सहज भी शामिल हैं.'' अश्विनी ने कहा, ''एक टॉयलेट 9000 बोतलों की मदद से बनाया गया है और हमने इन बोतलों का कलर हरा रखा है, इसीलिए पूरा टॉयलेट हरे रंग में है.''

g17k5v1g

कहां से आया सिंगल यूज प्लास्टिक से टॉयलेट बनाने का आइडिया?
अश्विनी दिल्ली यूनिवर्सिटी में आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे थे. उसी दौरान साल 2014 में उन्होंने कॉलेज प्रोजेक्ट Basic Shit पर काम करना शुरू किया. वैसे तो ये एक कॉलेज प्रोजेक्ट था लेकिन अश्विनी को यह महसूस हुआ कि देश में पब्लिक टॉयलेट की काफी जरूरत है. लोग 2 रुपये देकर टॉयलेट जाने की जगह खुल में पेशाब करना पसंद करते हैं. ऐसे में उन्होंने अपने कॉलेज प्रोजेक्ट के तहत प्लास्टिक से टॉयलेट बनाया और फिर सबसे पहला टॉयलेट धौलाकुआं के एक पुलिस स्टेशन में इंस्‍टॉल किया. अश्विनी ने बताया कि वह प्लास्टिक की बोतलों को मिक्सर में ग्राइंड कर मैटिरियल तैयार करते हैं और उससे ही वह टॉयलेट बनाते हैं.

h0b3hh48

एक टॉयलेट की 12 हजार रुपये है लागत
अश्विनी ने कहा, ''एक टॉयलेट को बनाने में 2-3 घंटे का समय लगता है और करीब 12 हजार रुपये की लागत लगती है. इसको बनाने के लिए 3-4 लोगों की जरूरत होती है. टॉयलेट को 10 से 12 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इस यूरिनल टॉयलेट को और भी बेहतर बनाने के लिए हम काम कर रहे हैं.

दिल्ली में 100 टॉयलेट इंस्‍टॉल करने का है प्लान
अश्विनी ने कहा, ''हमारा देश भर में टॉयलेट इंस्‍टॉल करने का प्लान है, लेकिन हम दिल्ली से शुरू कर रहे हैं. हम दिल्ली में 100 टॉयलेट इंस्‍टॉल करने वाले हैं. इसके लिए हम क्राउट फंडिग से पैसा जुटा रहे हैं. वहीं, जहां तक इससे पैसे कमाने की बात है तो हम इवेंट्स में अपने टॉयलेट लगा रहे हैं और कंपनियों से पैसा ले रहे हैं.''

अन्य खबरें
दिल्‍ली में सिंगल यूज प्‍लास्टिक मुक्‍त पहली यूनिवर्सिटी बनी IGNOU
दिल्ली के गुरुद्वारों में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, बढ़ जाएगा सालाना छह करोड़ का बजट

VIDEO:दिल्ली के गुरुद्वारों ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई पाबंदी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com