नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारिता में भी अब घुन लग गया है, जो चिंता का विषय है।
अन्ना ने हिन्दी पत्रकारिता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जिसे मजबूत होना चाहिए, लेकिन चिंता का विषय यह है कि इस स्तंभ को भी घुन लग गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया विकास और गांव संबंधी मुद्दों को नहीं उठा रही है।
हजारे ने कहा, गांव के विकास का मतलब नई पंचायत इमारत का निर्माण या मौजूदा इमारतों की ऊंचाई बढ़ाना नहीं है। इमारतों की ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ लोगों के सिद्धांत नीचे की ओर गिरते हैं, यह विकास नहीं है। विकास का मतलब लोगों को भीतर से मज़बूत बनाना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में विकास का जो मॉडल अपनाया जा रहा है, उसके लिए हम आंखें मूंदकर प्राकृतिक और मानव संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।
अन्ना ने हिन्दी पत्रकारिता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जिसे मजबूत होना चाहिए, लेकिन चिंता का विषय यह है कि इस स्तंभ को भी घुन लग गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया विकास और गांव संबंधी मुद्दों को नहीं उठा रही है।
हजारे ने कहा, गांव के विकास का मतलब नई पंचायत इमारत का निर्माण या मौजूदा इमारतों की ऊंचाई बढ़ाना नहीं है। इमारतों की ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ लोगों के सिद्धांत नीचे की ओर गिरते हैं, यह विकास नहीं है। विकास का मतलब लोगों को भीतर से मज़बूत बनाना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में विकास का जो मॉडल अपनाया जा रहा है, उसके लिए हम आंखें मूंदकर प्राकृतिक और मानव संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।
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