एमसीडी की हड़ताल खत्म, कर्मचारियों का वादा 'दो दिन में हो जाएगी दिल्ली साफ'

एमसीडी की हड़ताल खत्म, कर्मचारियों का वादा 'दो दिन में हो जाएगी दिल्ली साफ'

नई दिल्ली:

बीते दो महीने से वेतन न मिलने के चलते हड़ताल कर रहे पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम के कर्मचारियों ने आखिरकार हड़ताल वापस ले ली है। सफाई कर्मचारियों ने वादा किया है कि पूर्वी दिल्ली में फैली तमाम गंदगी को वे दो दिन में साफ कर देंगे।

पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मियों की हड़ताल के चलते जगह-जगह पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि कूड़े की वजह से लोगों का निकलना दूभर हो गया है। बरसात होने की स्थिति में कूड़े से मिथेन जैसी ख़तरनाक गैस के लीक होने का भी ख़तरा है।

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के नगरनिगमों को 493 करोड़ रुपये देने का आदेश जारी किया है। इस धनराशि का इस्तेमाल सफाई कर्मियों के पिछले दो महीने के वेतन भुगतान के लिए किया जाएगा।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण पिछले 10 दिन से काम पर नहीं आ रहे थे। इस हड़ताल के कारण पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कूड़ा-कचरे का अंबार लग गया था।

उपराज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी के तहत उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 326 करोड़ रुपये और शेष राशि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिलेगी। उत्तरी दिल्ली के मेयर रवींद्र गुप्ता ने कहा कि 326 करोड़ रुपये की राशि कर्मचारियों का मई, 2015 तक का वेतन देने के लिए पर्याप्त नहीं है।

गुप्ता के साथ ही दक्षिणी दिल्ली के मेयर सुभाष आर्य और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता राम नारायण दूबे ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की।

इस बीच बीजेपी शासित नगर निगमों पर तीखा हमला बोलते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार उन्हें ‘दुनिया में सबसे ज्यादा भ्रष्ट’ करार दिया। इसके साथ पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय राजधानी को ‘छोड़ देने’ का आरोप लगाया, जबकि यह सफाई की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है।

पार्टी नेता दिलीप पांडे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने दिल्ली को ‘डस्टबिन’ में बदल दिया है। उन्होंने नगर निगम में कथित तौर पर ‘22 हजार फर्जी कर्मचारी’ होने संबंधी रैकेट की जांच कराए जाने की मांग की।

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पांडे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के पास मंगोलिया के लिए करोड़ों रुपये हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके पास मंगोलपुरी के एमसीडी सफाई कर्मचारियों के लिए पैसे नहीं हैं।’