नई दिल्ली:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद विजय बहादुर सिंह को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कुत्ते के बच्चे' वाली टिप्पणी को जायज ठहराना बहुत भारी पड़ा और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।
उधर, बीजेपी में मोदी की इस टिप्पणी का टीवी पर सार्वजनिक रूप से विरोध करने वाले पार्टी के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष आमिर रजा हुसैन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हुसैन ने कहा कि इस्तीफा देने के लिए उन पर किसी ने दबाव नहीं डाला था। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझता कि 'पीएम-इन-वेटिंग' के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करने से किसी को देश की 15 फीसदी आबादी को नाराज करने की छूट मिल जाती है।
इससे पहले, हुसैन ने कथित तौर पर एक टीवी इंटरव्यू में भी कहा था कि बीजेपी चुनाव समिति के अध्यक्ष चुने गए नरेंद्र मोदी गुजरात दंगों की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह चाहते हैं कि वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी या विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हों।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए साक्षात्कार में 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ में कहा था, यदि मैं कार की पिछली सीट पर हूं और कुत्ते का एक बच्चा पहिये के नीचे आ जाए, तो क्या मुझे दुख नहीं होगा... बिल्कुल होगा। मैं मुख्यमंत्री हूं या नहीं, इंसान तो हूं, इसलिए कहीं भी कुछ बुरा होगा, तो दुख होगा ही।
आश्चर्यजनक रूप से हमीरपुर लोकसभा सीट से बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह ने कहा था कि इस टिप्पणी से जाहिर होता है कि नरेंद्र मोदी एक 'संवेदनशील' व्यक्ति हैं और उनकी आलोचना कर रहे लोग 'राष्ट्र विरोधी' हैं। मायावती ने इस बयान के बाद तीन दिन पहले ही कह दिया था कि विजय बहादुर सिंह पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
उधर, बीजेपी में मोदी की इस टिप्पणी का टीवी पर सार्वजनिक रूप से विरोध करने वाले पार्टी के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष आमिर रजा हुसैन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हुसैन ने कहा कि इस्तीफा देने के लिए उन पर किसी ने दबाव नहीं डाला था। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझता कि 'पीएम-इन-वेटिंग' के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करने से किसी को देश की 15 फीसदी आबादी को नाराज करने की छूट मिल जाती है।
इससे पहले, हुसैन ने कथित तौर पर एक टीवी इंटरव्यू में भी कहा था कि बीजेपी चुनाव समिति के अध्यक्ष चुने गए नरेंद्र मोदी गुजरात दंगों की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह चाहते हैं कि वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी या विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हों।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए साक्षात्कार में 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ में कहा था, यदि मैं कार की पिछली सीट पर हूं और कुत्ते का एक बच्चा पहिये के नीचे आ जाए, तो क्या मुझे दुख नहीं होगा... बिल्कुल होगा। मैं मुख्यमंत्री हूं या नहीं, इंसान तो हूं, इसलिए कहीं भी कुछ बुरा होगा, तो दुख होगा ही।
आश्चर्यजनक रूप से हमीरपुर लोकसभा सीट से बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह ने कहा था कि इस टिप्पणी से जाहिर होता है कि नरेंद्र मोदी एक 'संवेदनशील' व्यक्ति हैं और उनकी आलोचना कर रहे लोग 'राष्ट्र विरोधी' हैं। मायावती ने इस बयान के बाद तीन दिन पहले ही कह दिया था कि विजय बहादुर सिंह पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
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