25 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड पर बोलीं मायावती- हमने देशहित में उसको किनारे रख दिया

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान किया और इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर ही रखा.

25 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड पर बोलीं मायावती- हमने देशहित में उसको किनारे रख दिया

अखिलेश यादव के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती

खास बातें

  • देशहित में हमने लखनऊ गेस्ट हाउस कांड को किनारे रखा
  • बीजेपी के शासनकाल में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है
  • 'यूपी में बीजेपी ने बेइमानी से सरकार बनाई है'
लखनऊ:

यूपी की सियासत में 25 साल बाद एक बार फिर से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का मिलन हुआ है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज यानी शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान किया और इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर ही रखा. मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा 38-38 सीटों पर लड़ेगी. सपा-बसपा गठबंधन ने चार सीटें छोड़ दी हैं, जिसमें दो सीटें सहयोगियों के खाते में जाएगी वहीं, दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं, अमेठी और रायबरेली है. साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर जमकर हमला बोला. मायावती ने सपा-बसपा गठबंधन पर कहा कि इस गठबंधन से पीएम मोदी और अमित शाह की नींद उड़ जाएगी. 

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लखनऊ गेस्ट हाउस कांड किनारे रखा:

लखनऊ में बसपा-सपा गठबंधन पर मायावती ने कहा कि देशहित में हमने लखनऊ गेस्ट हाउस कांड को किनारे रखा है.  1993 में भी हमारा गठबंधन हुआ था, मगर कुछ कारणों से हमें अलग होना पड़ा था. 25 साल बाद एक बार फिर से बसपा और सपा के बीच गठबंधन हुआ है.लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से देशहित के मुद्दे को ऊपर रखते हुए हमने गठबंधन करे का फैसला किया है. यही वजह है कि हम फिर से देश के लिए एक साथ आए हैं. 

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गठबंधन में कांग्रेस को साथ न रखने पर बोलीं मायावती:

मायावती ने इस गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी है. उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के शासनकाल में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है. बीजेपी को इस बार कांग्रेस को हुई 1977 में हुए चुनाव की तरह ही बड़ा नुकसान होने वाला है. सपा-बसपा को कांग्रेस के साथ जाने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. हमनें अपने अनुभव को ही तरजीह दी है. कांग्रेस का साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता है. अगर हम इनके साथ नहीं जाते हैं तो हमारे पास वोट का शेयर ज्यादा रहता है. लिहाजा हमनें इस वजह से कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा है. हालांकि हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी या इस तरह की किसी भी अन्य पार्टी से गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमारा वोट ही कट जाए. 

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बीजेपी की सरकार भी जाएगी:

मायावती ने कहा कि बोफोर्स की वजह से कांग्रेस की सरकार गई थी, अब राफेल की वजह से बीजेपी की सरकार जाएगी. राफेल बीजेपी को ले डूबेगी.  मायावती ने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश में बेईमानी से सत्ता हासिल की है. हमने गठबंधन में कांग्रेस को नहीं रखा. कांग्रेस या बीजेपी कोई आए, दोनों में एक ही बात है. कांग्रेस और बीजेपी की नीतियां एक जैसी है. दोनों सरकारों का हाल एक जेस ही रहे हैं. अगर हम कांग्रेस से गठबंधन करते हैं तो हमें घाटा होगा. क्योंकि कांग्रेस के समय में भी भ्रष्टाचार हुआ. मायावती ने कहा कि यूपी में बीजेपी ने बेइमानी से सरकार बनाई है. जनविरोधी को सत्ता में आने से रोकेंगे.  बीजेपी की अहंकारी सरकार से लोग परेशान है. जैसे हमने मिलकर उपचुनावों में बीजेपी को हराया है, उसी तरह हम लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे. 

पीएम मोदी और शाह की उड़ जाएगी नींद:
पीएम मोदी और अमित शाह दोनों गुरु चेले की नींद उड़ाने वाली अति महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस होने जा रही है. हमारी पार्टी बीएसपी ने अंबेडकर के देहांत के बाद उनके कारवां को गति प्रदान की है. हमनें उस कारवां को ऐतिहासिक सफलता भी दिलाई है. हम जातिवादी व्यवस्था के शिकार लोगों को सम्मान दिलाने का काम कर रहे हैं. हम पहले भी साथ आए थे और आज फिर चुनाव के लिए साथ आ रहे हैं. हमें उस दौरान भी चुनाव में सफलता मिली थी. इस बार भी हम सफल होंगे. हमारी मकसद सिर्फ बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टियों को सत्ता से बाहर रखने का है. अब देश में जनहित को लखनऊ गेस्टहाउस कांड से ऊपर रखते हुए एक बार फिर हमनें उसी प्रकार की दूषित राजनीति को जड़ से हटाने के लिए एक साथ आने का फैसला लिया है.

हमारा गठबंधन नई राजनीतिक क्रांति की तरह होगी:

आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के सवा सौ करोड़ आम जनता बीजेपी के घोर चुनावी वादा खिलाफी के खिलाफ खड़े हैं. आज आम जनता बीजेपी के तानाशाही रवैये से खासे नाराज हैं. आज सपा और बसपा ने देशहित को ध्यान में रहकर एक जुट होने का फैसला किया है. हमारा गठबंधन नई राजनीतिक क्रांति की तरह होगी. बीएसपी-सपा के गठबंधन से आम जनता की उम्मीद जग गई है. यह गठबंधन सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही नहीं है बल्कि यह गरीबों, महिनलाओं, किसानों, दलितों, शोषित और पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए है. बीजेपी की गलत नीतियों और कार्य प्रणाली से जनता खासी दुखी है. अब इस पार्टी को सत्ता में आने का अधिकार नहीं है. हम उसे दोबारा सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं. 

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