नई दिल्ली:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने दो महीने बाद चुप्पी तोड़ते हुए शनिवार को उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की हालत पूरी तरह खराब है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने दो महीने पूरी कर चुकी अखिलेश यादव की सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि लूट, आगजनी, हत्या, अपहरण, छीना-झपटी और डकैती रोजमर्रे की बात हो गई है और लोग सपा को वोट देकर पछता रहे हैं।
अपनी चिर-परिचित शैली में उन्होंने एक लिखा हुआ पर्चा पढ़ा और अपनी कही बात की पुष्टि के लिए आंकड़े दिए। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में 800 हत्याएं, 270 बलात्कार, 256 अपहरण और 720 लूट के मामले सामने आए हैं। उनके शासनकाल में जो अपराधी सलाखों के पीछे थे वे रिहा कर दिए गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम हमेशा से जानते थे कि उत्तर प्रदेश के लोग एक साल के भीतर सपा को सत्ता में लाने के लिए पछताने लगेंगे। अब दो महीने के भीतर उनके चेहरे पर निराशा दिखने लगी है।"
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर अपने पिता मुलायम सिंह यादव के नक्शे-कदम पर चलने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि राज्य में लोग शाम को घर से निकलने में घबराने लगे हैं।
सरकार पर राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "जिस कार पर समाजवादी पार्टी का झंडा लगा दिखे, समझिए कि उसे हत्या का लाइसेंस मिला हुआ है।" उन्होंने अखिलेश यादव पर मीडिया से सांठगांठ कर सरकार की तथाकथित उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने का आरोप लगाया।
मायावती ने कहा, "यह सरकार कागज पर काम कर रही है और सिर्फ ढिंढोरा पीट रही है।" उन्होंने कहा कि नई सरकार ने 13 विभागों में उनकी सरकार द्वारा चलाई गईं 26 कल्याणकारी योजनाओं को खत्म कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि जब कांग्रेस ने राज्य में उनके खिलाफ चुनाव प्रचार किया, फिर भी वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को अभी भी समर्थन क्यों दे रही हैं, मायावती ने कहा कि उनके लिए व्यक्तिगत हित बाद की बात है, देश का हित पहले है।
यह पूछने पर कि अगले राष्ट्रपति के रूप में बसपा किसको समर्थन देगी, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 'उचित समय' पर अपने पत्ते खोलेगी।
मायावती ने कहा, "हम राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और संप्रग के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। हम उसी के मुताबिक तय करेंगे कि किसे समर्थन दिया जाए।"
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने दो महीने पूरी कर चुकी अखिलेश यादव की सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि लूट, आगजनी, हत्या, अपहरण, छीना-झपटी और डकैती रोजमर्रे की बात हो गई है और लोग सपा को वोट देकर पछता रहे हैं।
अपनी चिर-परिचित शैली में उन्होंने एक लिखा हुआ पर्चा पढ़ा और अपनी कही बात की पुष्टि के लिए आंकड़े दिए। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में 800 हत्याएं, 270 बलात्कार, 256 अपहरण और 720 लूट के मामले सामने आए हैं। उनके शासनकाल में जो अपराधी सलाखों के पीछे थे वे रिहा कर दिए गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम हमेशा से जानते थे कि उत्तर प्रदेश के लोग एक साल के भीतर सपा को सत्ता में लाने के लिए पछताने लगेंगे। अब दो महीने के भीतर उनके चेहरे पर निराशा दिखने लगी है।"
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर अपने पिता मुलायम सिंह यादव के नक्शे-कदम पर चलने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि राज्य में लोग शाम को घर से निकलने में घबराने लगे हैं।
सरकार पर राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "जिस कार पर समाजवादी पार्टी का झंडा लगा दिखे, समझिए कि उसे हत्या का लाइसेंस मिला हुआ है।" उन्होंने अखिलेश यादव पर मीडिया से सांठगांठ कर सरकार की तथाकथित उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने का आरोप लगाया।
मायावती ने कहा, "यह सरकार कागज पर काम कर रही है और सिर्फ ढिंढोरा पीट रही है।" उन्होंने कहा कि नई सरकार ने 13 विभागों में उनकी सरकार द्वारा चलाई गईं 26 कल्याणकारी योजनाओं को खत्म कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि जब कांग्रेस ने राज्य में उनके खिलाफ चुनाव प्रचार किया, फिर भी वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को अभी भी समर्थन क्यों दे रही हैं, मायावती ने कहा कि उनके लिए व्यक्तिगत हित बाद की बात है, देश का हित पहले है।
यह पूछने पर कि अगले राष्ट्रपति के रूप में बसपा किसको समर्थन देगी, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 'उचित समय' पर अपने पत्ते खोलेगी।
मायावती ने कहा, "हम राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और संप्रग के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। हम उसी के मुताबिक तय करेंगे कि किसे समर्थन दिया जाए।"
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