इम्फाल:
मणिपुर में अन्य स्थानों से आकर रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। अलगाववादी गिरोहों की एक समिति ने गैर-मणिपुरी लोगों को 31 दिसम्बर तक राज्य से जाने या परिणाम भुगतने की धमकी दी है।
मणिपुर में मिती समुदाय के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग के लिए संघर्षरत सात बड़े अलगावादी गिरोहों की समन्वय समिति ने बुधवार को यह चेतावनी मीडिया को जारी की थी।
मणिपुर सरकार ने हालांकि राज्य में रह रहे सभी उचित भारतीय नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अवैध रूप से रहने वालों और बाहरी लोगों की संख्या खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने जनगणना रिपोर्ट 2011 में बाहरी लोगों की गलत संख्या बताई है। सभी बाहरी लोगों को राज्य छोड़कर चले जाना चाहिए, ताकि अप्रवासी समस्या का समधान निकल सके।'
इस चेतावनी से हालांकि छात्रों, पेशेवरों एवं पर्यटकों को अलग रखा गया है, जो अकादमिक उद्देश्यों, कला एवं संस्कृति, खेल, धर्म या व्यवसाय के सिलसिले में एक सीमिति अवधि के लिए यहां आते हैं।
समिति के बयान में स्थानीय लोगों से कहा गया है कि वे गैर-मणिपुरी लोगों को अपना घर किराये पर न दें और न ही इसे बेचें।
समिति के बयान में कहा गया है कि त्रिपुरा में जहां स्थानीय लोग पिछले 100 साल में अल्पसंख्यक हो गए हैं, वहीं असम में अप्रवासियों की संख्या 46 प्रतिशत तक हो गई है।
बयान में दावा किया गया है कि मणिपुर में बाहरी लोगों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है, क्योंकि भारत सरकार 'घुसपैठ' को बढ़ावा दे रही है।
मणिपुर में मिती समुदाय के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग के लिए संघर्षरत सात बड़े अलगावादी गिरोहों की समन्वय समिति ने बुधवार को यह चेतावनी मीडिया को जारी की थी।
मणिपुर सरकार ने हालांकि राज्य में रह रहे सभी उचित भारतीय नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अवैध रूप से रहने वालों और बाहरी लोगों की संख्या खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने जनगणना रिपोर्ट 2011 में बाहरी लोगों की गलत संख्या बताई है। सभी बाहरी लोगों को राज्य छोड़कर चले जाना चाहिए, ताकि अप्रवासी समस्या का समधान निकल सके।'
इस चेतावनी से हालांकि छात्रों, पेशेवरों एवं पर्यटकों को अलग रखा गया है, जो अकादमिक उद्देश्यों, कला एवं संस्कृति, खेल, धर्म या व्यवसाय के सिलसिले में एक सीमिति अवधि के लिए यहां आते हैं।
समिति के बयान में स्थानीय लोगों से कहा गया है कि वे गैर-मणिपुरी लोगों को अपना घर किराये पर न दें और न ही इसे बेचें।
समिति के बयान में कहा गया है कि त्रिपुरा में जहां स्थानीय लोग पिछले 100 साल में अल्पसंख्यक हो गए हैं, वहीं असम में अप्रवासियों की संख्या 46 प्रतिशत तक हो गई है।
बयान में दावा किया गया है कि मणिपुर में बाहरी लोगों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है, क्योंकि भारत सरकार 'घुसपैठ' को बढ़ावा दे रही है।
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