मंगलयान को छह कक्षाओं में से एक में उन्नत करने का काम गुरुवार तड़के सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यान के सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं। इसरो ने यह जानकारी दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार प्रथम कक्षा उन्नतिकरण का कार्य गुरुवार तड़के 1.17 बजे सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया गया।
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि मंगलयान की मोटरों को करीब 416 सेकेंड तक चलाया गया और उन्होंने उसकी कक्षा को बढ़ाकर 28,825 किलोमीटर कर दिया। इस कार्य को बेंगलुरू स्थित नियंत्रण कक्ष से अंजाम दिया गया।
अंतिम कक्षा उन्नतिकरण का कार्य 30 नवंबर को संपन्न होगा और मंगलयान को मंगल ग्रह की ओर रवाना कर दिया जाएगा। इसरो ने मंगलवार को मंगलयान का प्रक्षेपण किया था।
1,340 किलोग्राम का मंगलयान इसरो ने विकसित किया है। इस पर करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें 852 किलोग्राम ईंधन है। छहों कक्षाओं के उन्नतिकरण में करीब 360 किलोग्राम ईंधन की खपत का अनुमान है।
भारत के प्रथम मंगल अभियान पर करीब 450 करोड़ रुपये की लागत आई है। मंगल ग्रह की ओर यान को भेजने का काम एक दिसंबर को होगा।
इसरो के अनुसार गहन शून्य में 300 दिनों की यात्रा करने के बाद मंगलयान सितंबर 2014 में मंगल की कक्षा में पहुंचेगा।
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